What's it about:


इस फिल्म को आप एक मेरी-गो-राउंड कह सकते हैं, जिसमें कई सारे कैरेक्टर्स एक फन राइड के इंतजार में हैं. इतना ही नहीं उनके इनलॉज, गुंडे, एक पायथन, एक क्रोकोडाइल और एक हॉर्स भी. कहीं से एक डाकू भी टपक पड़ता है. फिर थोड़ा सा अट्रैक्शन ऐड करने के लिए आती हैं एक अनारकली. शुरुआती सीन में ही आपको पता चल जाता है कि आगे आपको क्या देखने को मिलेगा. एक दम सिर के ऊपर से गुजरने वाले सीन और सिचुएशंस. मैरिज सब्जेक तो अपने आप में ही कलर्स और खुशियां लेकर आता है. नो डाउट ये बॉलीवुड का फेवरिट सब्जेक्ट भी रहा है. फिल्म की कहानी घूमती है दूल्हों के लिए सही दुल्हन ढूंढऩे की कवायद के इर्द-गिर्द. मगर जब-तक उन्हें सही मैच नहीं मिल जाते, उनके सामने कुछ बेमेल कैंडीडेट्स आते हैं. डायरेक्टर साजिद खान ने अपनी हाउसफुल का एक और नो-ब्रेनर सीक्वल बनाया है.
 70 और 80 के दशक का उनका फैसिनेशन कायम है क्योंकि फिल्म में उस दौर की कई अच्छी फिल्मों के रिफरेंस लिए गए हैं. फिल्म में लगभग हर एक्टर ने एक ही सी एक्टिंग की है.



What's hot:


म्यूजिक अच्छा है इसके अलावा कुछ सीन आपके चेहरे पर हंसी ला देंगे. अक्षय और रितेश पर फिल्माया गया क्रोकोडाइल वाला सीन और जॉन के साथ कोबरा वाला सीन देखने लायक है. दोनों कपूर (रणधीर और ऋषि) की परफॉर्मेंस अच्छी है और गल्र्स गैंग ने भी ठीक-ठाक काम किया है.

what's not:


एक कॉमेडी फिल्म सेंसलेस हो सकती है मगर इसमें फन को होना बहुत जरूरी है. मगर स्क्रिप्ट में इतने सारे इंग्रीडिएंट्स मिला दिए गए हैं कि रिजल्ट जीरो रह गया.


what to do: ये एक ऐसी फिल्म है जिसके लिए आपको अपना दिमाग ऑडिटोरियम के बाहर छोडक़र जाना होगा. अगर आप लंदन को धोबी घाट (जैसा कि जॉनी लिवर फिल्म में बोलते हैं) बनते देखना चाहते हैं तो अपने गैंग को लेकर फिल्म देखने जाइए.ये देखना इंट्रेस्टिंग होगा कि आपके फ्रेंड सर्कल में किसे ये फिल्म हंसा पाती है और किसे नहीं.

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