इस फिल्म में सलमान खान पवन कुमार चतुर्वेदी उर्फ बजरंगी भाईजान नाम का करेक्टर प्ले कर रहे हैं जो एक साफ दिल का हनुमान भक्त है। अपने पिता से उसे आरएसएस के प्रति निष्ठा विरासत में मिली है। सबसे बड़ी बात लीक से हट कर पहली बार वे हर वक्त हवा में बाजू लहराने वाले टिपिकल सलमान खान स्टाइल हीरो नहीं बने हैं। इसके विपरीत वो सौम्य, सरल और बंदरों तक को देख कर श्रद्धा से सर झुकाने वाले सीधे सादे इंसान के चरित्र में हैं।
Bajrangi Bhaijaan
Director: Kabir Khan
Cast: Salman Khan, Kareena Kapoor, Nawazuddin, Harshali Malhotraपवन जब अपने पिता के दोस्त के परिवार के साथ उत्तर प्रदेश दिल्ली रहने के लिए आता है तो उसकी मुलाकात करीना कपूर यानि की रसिका से होती है। पर उसकी सीधी सादी जिंदगी में में ट्विस्ट तब आता है जब उसे छह साल की मुन्नी उर्फ शाहिदा यानि हर्षाली मिलती है, जो पाकिस्तान से यहां पंहुची है और अब अपने परिवार के पास वापस जाना चाहती है। यहां एंट्री होती है चांद मुहम्मद यानि नवाजुद्दीन सिद्दिकी की जो एक फ्री लांस रिर्पोटर है।
यहीं से शुरू होती है एक ऐसी कहानी जो अंधीराष्ट्रवादिता से इतर बुनी गयी है, दिल को छुने वाले सहज संवादों और सहज हास्य के टच के साथ। ये डायलॉग्स र्स्माट बयानबाजी से परे हृयूमरस और सामान्य हैं जिन्हें निर्देशक कबीर खान और कौसर मुन्नी ने लिखा है। फिल्म के सीधे सादे संवाद एकदम आपके दिल पर असर करते हैं, भीगते भी हैं और हंसते भी हैं जैसे पवन, चांद से कहता है कि "बजरंगी हमारी मदद करेंगे" और वो मजाक में पूछता है "वहां पाकिस्तान में भी"। आपको वो संवाद भी इफेक्ट करेगा जब मीडिया को निशाना बनाते हुए चांद तीखेपन से कहता है कि "यहां नफरत बिकती है मुहब्बत नहीं"।
फिल्म की कहानी वी विजेंद्र प्रसाद की है। ये कहानी परिर्वतन की है पर धर्म के नहीं रिजिट धर्मान्धता से सर्व धर्म सह अस्तित्व को बतौर इंसान स्वीकार करने के लिए परिर्वतित होने की। बेशक कुछ बेहद कन्वीनियंट इत्तेफाक हैं, कुछ लूप होल भी हैं और कहानी में कुछ कमियां भी हैं पर इन्हें आप अच्छे इरादों, सही भावना और कहानी को समझदारी से संभालने के साथ सलमान खान के लिए नजरअंदाज करना पसंद करेंगे। कबीर खान ने फिल्म पर मजबूत पकड़ बनायी हुई है जिससे वो कसी हुई और बिखराव से बची रही है। उन्होंने खतरनाक लम्हों में संतुलन बनाया हुआ है।
सलमान ने अपनी अनहीरो लाइक परफार्मेंस से सरप्राइज किया है। करीना के पास कुछ खास करने को नहीं है। नवाजुद्दीन ने अपना प्रभाव छोड़ते हुए वो काम किया है जिसके लिए उन्हें फिल्म में शामिल करने का विश्वास सबने दिखाया था। पर सबसे ज्यादा असर छोड़ा है मासूम हर्षाली मल्होत्रा ने, जो अपने फरिश्तानुमा चेहरे और स्वाभाविक टैलेंट से आपका दिल चुरा लेगी। फिल्म का बढ़ाचढ़ा कर बनाया गया क्लाइमेक्स कुछ लंबा हो गया है पर आप तैयार हो जाइए भरपूर मनोरंजन के लिए जो सबसे भावुक और तनाव भरे समय में भी अचानक आपको चौंका कर मुस्कराने के लिए मजबूर करने में कामयाब होगा।
Review by Shubha Shetty-Saha
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