फिल्म एक ऐसे कार मकेनिक बबली (रणबीर कपूर) के बारे में है जो अपने हुनर में माहिर है लेकिन उसके रास्ते गलत हैं. एक ऑर फनेज में पला बढ़ा बबली उसी अनाथालय की हेल्प के लिए कार चुराने से भी बाज नहीं आता और इस काम में उसका स्मार्ट मकेनिक होने का हुनर बेहद काम आता है. बबली को इस बात का अहसास तब तक नहीं होता कि वो गलत रास्ते पर चल रहा है, जब तक उसकी लाइफ मे तारा (पल्लवी श्रद्धा) नहीं आती. तारा का प्यार बबली को अपनी लाइफ से हर गलत चीज को हटाने के लिए इंस्पायर तो करता है पर क्या ये इतना आसान है क्योंकी उसके रास्ते में खड़े हैं इंसपेक्टर चुलबुल चौटाला (ऋषी कपूर) और हेड कांस्टेबल बुलबुल चौटाला (नीतू कपूर). अपनी कोशिश में बबली अजीब अजीब सिचुएशंस में पड़ता है और उनको कैसे डील करता है यही इस फिल्म की कहानी है.
अभिनव कश्यप ने जब दबंग डायरेक्ट की थी तो एक चीज उनके पास पहले से ही थी वो था हीरो की उस रोल में आइडेंटिटी और उसका करिज्मा. रणबीर के केस में यही चीज मिसिंग है जिसके चलते एक्शन सींस में वो सलमान की तरह फनी लगने की कोशिश में अचानक बचकाने लगने लगते हैं और फिल्म का डॉयलाग कि नाम चुलबुल रखने से कोई दबंग नहीं हो जाता, फिल्म की सच्चाई का आईना बन जाता है. एक और सीन में रणबीर से शाहरुख के सांग तुझे देखा तो, की पैरोडी और कॉमिक प्रेजेंटेशन में नजर आते हैं पर वो मैजिकल रोमांटिक टच तो नहीं ही दे पाती, किसी हद भद्दी लगने लगने लगती है.
कुल मिला कर ये एक अधकचरी सी फिल्म बन गयी है जो ना रोमांटिक बन पायी है ना एक्शन का एक्साइटमेंट जगा पायी. या फिर ये रणबीर के जॉनर की फिल्म नहीं है लिहाजा ना वो बर्फी बन पाए हैं ना रॉकस्टार. अभिनव की स्टोरी भी कुछ इंप्रेसिव नहीं लगी और डायरेक्शन फन टाइम स्पेंड करने जितना नॉन सीरियस है. इस फिल्म की एक ही यूएसपी है वो ऋषी, नीतू और रणबीर का एक साथ नजर आना. ऋषी कपूर अपने रोल में जमे हैं और अपने बेटे पर भारी पड़े हैं, उनकी कॉमिक टाइमिंग कमाल की है.
फिल्म के गाने सुने जा रहे हैं लेकिन उनकी लास्टिंग वेल्यु नहीं है. ये हो सकता है कि 2 अक्टूबर की छुट्टी के दिन रिलीज होने का फायदा फिल्म को कुछ हद तक मिल सके पर फिल्हाल ये लंबी रेस का घोड़ा साबित होगी इसमें डाउट है.
Director: Abhinav Kashyap
Cast: Ranbir Kapoor, Pallavi Sharda, Rishi Kapoor, Neetu Singh, Javed Jaffrey
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