मध्य काल के दौरान इंग्लैंड में सरेआम पब्लिक के सामने अपराधियों के हाथ-पैर बांधकर घोड़े से खिंचवाया जाता था। ऐसा तब तक किया जाता था जब तक अपराधी की मौत न हो जाए। 1814 में इसे खत्म कर दिया गया।
ये तो पता नहीं कि यह सजा कहां दी जाती थी लेकिन इसमें अपराधियों को नंगा करके उलटा लटका दिया जाता था और आरा से बीचोंबीच चीर दिया जाता था। इसके दर्द का आप बस अंदाजा ही लगा सकते हैं।
यह क्रूर तरीका अमेरिकी माफिया अपने दुश्मनों पर आजमाया करते थे। वे अपने दुश्मनों के पैर में सीमेंट की सिल्ली पहना कर जिंदा नदी में फेक देते थे। जिससे उनकी डूब कर दर्दनाक मौत हो जाया करती थी।
यह आदमी के आकार का एक धातु का बक्सा होता था। इसमें जगह-जगह कीलें निकली रहती थीं। इसमें अपराधी को सीधा खड़ा करके बंद कर दिया जाता था। व्यक्ति न सो सकता था न हिल सकता था। यह बहुत ही विभत्स सजा थी।
अपराधियों को दर्दनाक सजा देने के लिए यह तरीका आजमाया जाता था। उसे नंगा करके पिरामिडनुमा वस्तु पर बैठा कर रस्सियों से नीचे की ओर खींचा जाता था। इससे उसकी मौत तो नहीं होती थी लेकिन दर्द का अहसास बहुत होता था। काफी दिनों तक इंफेक्शन की वजह से उसके घाव से दर्द, मवाद और खून निकलता रहता था। यह यह विभत्स सजा थी।
यह नुकीला औजार अपराधी के गले में बांध दिया जाता था। इसके दोनों ओर नुकीले कांटे निकले रहते थे। जैसे ही वह गरदन नीचे या सीधा करने की कोशिश करता था कीलें उसके गरदन और छाती दोनों में चुभ जाती थी। यह सजा इतनी क्रूर थी कि अपराधी सो नहीं पाता था।
धातु का यह सांड़ अंदर से खोखला होता था। इसके भीतर किसी अपराधी को बंद करके नीचे से आग लगा दी जाती थी। इससे धीरे-धीरे उसके शरीर का पानी निकल जाता था और वह गर्मी में भुन कर मर जाता था। मौत से पहले उसे बेहद प्रताड़ना होती थी।
15वीं शताब्दी में रोमानिया में सजा देने का यह तरीका बहुत प्रचलित था। इसमें अपराधियों को एक नुकीले पोल पर बैठने को मजबूर कर दिया जाता था। धीरे-धीरे वह अपने वजन से धीरे-धीरे नीचे आ जाता था और तीन में खून रिसने और भूख-प्यास से उसकी मौत हो जाती।
स्टील का यह कटीला छल्ला अपराधियों की गरदन में पहना दिया जाता था। यह उन्हें प्रताडि़त करने के लिए आजमाया जाता था। आप देख सकते हैं कि इसमें गरदन हिलाने-डुलाने की कोई गुंजाईश नहीं थी।
इस सजा से तो सब परिचित हैं। ईसा मसीह की बातें कुछ लोगों को पसंद नहीं आया तो उन्हें सूली पर चढ़ा दिया। इसमें एक क्रास पर हाथ-पैरों को कील से जड़ दिया जाता था। लोग तड़प-तड़प कर भूखे-प्यासे मर जाते हैं।
Image courtsy by : www.list25.com
Interesting News inextlive from Interesting News Desk
Interesting News inextlive from Interesting News Desk