नाबालिग हैं ज्यादातर अपराधी
फ्रीडम ऑफ इंफार्मेशन (एफओआइ) की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन वर्षों (2012 से 2015) के दौरान स्कूलों में रिकॉर्ड संख्या में यौन अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें चार हजार के आसपास हमले और 600 से अधिक दुष्कर्म की घटनाएं भी शामिल हैं। पंद्रह सौ से अधिक पीडि़त प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों में पढऩे वाले 13 साल से कम उम्र के विद्यार्थी हैं। इसमें 20 फीसद अपराधों को नाबालिगों द्वारा अंजाम दिया गया है। कुछ मामलों में तो पीडि़त और संदिग्ध दोनों की ही उम्र पांच वर्ष के करीब थी।
बड़े अपराधों की झलक हैं ये आंकड़े
बीबीसी को दिए बयान में मुख्य कांस्टेबल सिमोन बेली ने बताया, ‘मैं समझता हूं कि ये आंकड़े बड़े अपराधों का एक नमूना भर हैं। हालांकि एक अच्छी खबर यह है कि अधिकतर पीडि़त आत्मविश्वास के साथ आगे आए और अपने खिलाफ हुए अपराध की रिपोर्ट लिखाई। यद्यपि मैं इसे साबित नहीं कर सकता हूं लेकिन मेरा दावा है कि इससे अधिक बाल अपराध होते हैं।’
स्कूल परिसर में हए ये अपराध
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