जिनेवा (आईएएनएस)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि 24 देशों में फैला मंकीपॉक्स महामारी का कारण बन सकता है। पूरी दुनिया में अब तक मंकीपाॅक्स से 435 मामले सामने आए हैं। डब्ल्यूएचओ ने हालांकि, नोट किया कि बढ़ते मामलों को फिलहाल रोका जा सकता है। अफ्रीका के बाहर कुछ देशों में मामलों में स्पाइक से संबंधित "अभी भी कई अज्ञात मामले" हैं।
महामारी बनने का कारण अभी उपलब्ध नहीं
रिपोर्ट में कहा गया है, "हम नहीं चाहते कि लोग घबराएं या डरें और सोचें कि यह कोविड की तरह है या इससे भी बदतर है।" महामारी और महामारी की तैयारी और रोकथाम के डब्ल्यूएचओ के निदेशक सिल्वी ब्रायंड ने प्रकोप पर एक ब्रीफिंग के दौरान कहा, "यह मंकीपॉक्स रोग कोविड -19 जैसा नहीं है, यह एक अलग वायरस है।" हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस बारे में स्पष्ट नहीं हैं यह वायरस कोविड की तरह तेजी से फैलेगा या नहीं। हालांकि डब्ल्यूएचओ ने साफ कह दिया कि मंकीपाॅक्स एक महामारी बन जाएगी, यह अभी नहीं कहा जा सकता।
कहां मिला था पहला वायरस
यह वायरस पहली बार समलैंगिक और उभयलिंगी पुरुषों में देखा गया था। हालांकि वायरस को एक के रूप में परिभाषित नहीं किया गया है। लुईस ने अन्य पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों से जागरूक होने का आग्रह किया। फिलहाल यह शुरुआती स्टेज में है और इसे अभी खत्म किया जा सकता है।
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