क्या हैं निर्देश
अब आप भी सोच रहे होंगे कि ये बात आखिर निकली कैसे. तो आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश पर पीएमओ ने कानून मंत्रालय से तत्काल एक सिस्टम को तैयार करने का आदेश दिया था. इस सिस्टम के तहत कानून के बनने के बाद एक समय सीमा के अंतर्गत उसको प्रभाव में ले आना होगा.   

क्या कहना है पीएमओ का
बताते चलें कि इसको लेकर संसदीय समिति की ओर से भी कानून मंत्रालय के ढीले-ढाले रवैये की कड़ी आलोचना की गई थी. ऐसे में पीएमओ की ओर से कहा गया कि तय समय पर कानून के प्रभाव में नहीं आने से इसकी प्रासंगिकता पर चोट पहुंचती है. ऐसे में बहुत ज्यादा जरूरी है कि कोई भी कानून तैयार किया जाये तो वो तय समय पर ही अमल में लाया जाये.

किससे संबंधित हैं ये कानून
कानून को अमल में लाने के इस मामले से संबंधित पत्र में स्वास्थ्य और कृषि मंत्रालय के दो नियमों का हवाला दिया गया है. यहां आपको भी जानकर आश्चर्य होगा कि दोनों मंत्रालयों के कानून बनने के बाद उसको प्रभाव में लाने में अब तक लगभग दो वर्ष का समय लग चुका है. ऐसे में कानून को अमल में लाने को लेकर इतने लंबे समय से इंतजार पर पीएम काफी नाखुश हैं.

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