मैरिटल रेप का मुद्दा गंभीर
केंद्र सरकार ने मैरिटल रेप को अपराध की कैटैगरी में लाने के लिए जल्द ही सख्त कानून बनाने की बात कही है। गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने बताया कि, सरकार लॉ कमीशन की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। इसका मकसद पुरानी धाराओं को बदलना है। शुक्रवार को राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए रिजिजू ने बताया, 'मैरिटल रेप का मुद्दा बहुत जटिल है। इस पर विचार करते वक्त पारिवारिक और सामाजिक ढांचे को भी ध्यान में रखना होगा। इस पर पार्लियामेंट्री कमेटी लॉ कमीशन विचार कर रही है।
नए कानून पर विचार
किरण रिजिजू ने आगे कहा कि, इस कानून को टुकड़ों में बनाना सही नहीं है। इसलिए सरकार पूरी तरह से नए कानून पर विचार करेंगे। उम्मीद है कि लॉ कमीशन की रिपोर्ट हमें जल्द ही मिल जाएगी। आपको बताते चलें कि महिलाओं के खिलाफ होने वाली क्रूरता से निपटने के लिए अभी IPC का 498-ए कानून मौजूद है।
रेप तो रेप होता है
राज्यसभा के उपसभापति पीजे कुरियन ने इस मामले को लेकर रिजिजू से कुछ सवाल भी किए। उन्होंने पूछा - 'आप यह मानते हैं कि पति का पत्नी से जबरन शारीरिक संबंध बनाना रेप है तो फिर सरकार रिपोर्ट का इंतजार क्यों कर रही है। रेप तो रेप होता है, फिर वह पति करे या कोई और। इसके जवाब में रिजिजू ने कहा कि, 6 जुलाई 2010 को तत्कालीन गृहमंत्री ने इस बारे में लॉ कमीशन से कानून की समीक्षा करने को कहा था। लेकिन यहां ध्यान रखना होगा कि कोई भी कानून बनाने के लिए आईपीसी, सीआरपीसी के साथ ही इंडियन एविडेंस एक्ट में भी बड़े बदलाव करने होंगे।
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