पाकिस्तान को आज भी याद है वो हार
साल 2007 में भारत और पाकिस्तान के बीच खेला गया फाइनल मैच काफी यादगार रहा। भारत ने आखिरी ओवर में पाकिस्तान को पांच रन से हराकर ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था। 157 रनों का पीछा कर रही पाकिस्तानी टीम की जीत की आखिरी उम्मीद कप्तान मिस्बाह थे लेकिन उनके द्वारा खेला गया स्कूप शॉट पाकिस्तानी फैंस के लिए भुलाए नहीं भूलता। इस शॉट के साथ ही मिस्बाह ने अपना विकेट खो दिया और पाकिस्तान की उम्मीदों पर पानी फिर गया। खैर इतने सालों पर चुप्पी साधे रहे मिस्बाह ने अपने इस शॉट को लेकर एक नया बयान दिया है।
गलत था वो शॉट खेलना
मिस्बाह ने बताया कि वह जब भी ऐसी परिस्थिति में होते थे तो स्कूप शॉट खेला करता था। यह उनका फेवरेट शॉट था। इस शॉट को खेलकर उन्हें कई बार कामयाबी भी मिली थी। मिस्बाह बताते हैं कि धोनी उस समय विकटों में सट कर कीपिंग कर रहे थे इसीलिए उस गेंद पर मैंने वो शॉट खेलने का फैसला किया था पर शायद उस वक्त किस्मत मेरे नहीं भारत के साथ थी जो गेंद सीधा फील्डर के हाथों में चली गई। मिस्बाह मानते हैं कि कभी कभी जो आपकी सबसे बड़ी ताकत होती है वही आपकी सबसे बड़ी कमजोरी बन जाती है जो शायद उस दिन मेरे साथ हुआ।
मिस्बाह की होती है आलोचना
गौरतलब हो कि टी-20 वर्ल्डकप फाइनल मैच में आखिरी ओवर जोगिन्दर शर्मा फेंकने आए थे। ओवर की तीसरी गेंद पर जब पकिस्तान को 4 गेंदों में मात्र छह रनों की ज़रुरत थी मिस्बाह ने स्कूप शॉट खेला जो हवा में तो गया पर गया शॉट फाईन लेग पर खड़े श्रीसंत के हाथ में और इस तरह भारत ने उस मैच को 5 रनों से जीत लिया। मिस्बाह के उस शॉट के बाद तबसे लेकर आजतक उनके इस फैसले पर हर तरफ से आज भी निंदा होती रही है।
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