एक्सक्लुसिव न्यूज
- जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के सॉफ्टवेयर का यूजर आईडी पासवर्ड हैक, हैकर ने बनाए 4 फेक सर्टिफिकेट
- हॉस्पिटल की सीनियर रजिस्ट्रार ने सीएमओ को दी सूचना, सर्टिफिकेट निरस्त, हैकर की तलाश शुरू
BAREILLY। अभेद मानी जाने वाली सेना की सुरक्षा को हैकर्स ने तोड़ दिया है। इस बार हैकर्स ने निशाना बनाया है कैंटोनमेंट मिलिट्री हॉस्पिटल को। हॉस्पिटल के जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के सॉफ्टवेयर के यूजर आईडी और पासवर्ड को हैक कर हैकर ने 4 बर्थ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिए। मामले का खुलासा हैकर की एक बड़ी चूक से हुआ। उसने हॉस्पिटल के अंग्रेजी में जारी होने वाले सर्टिफिकेट को हिन्दी में जारी कर दिया। सूत्रों के मुताबिक हैकर को पकड़ने के लिए सर्विलांस सेल और आर्मी की इंटेलिजेंस विंग जांच कर रही है।
दो वर्ष से ऑनलाइन प्रक्रिया
सीएमओ के मुताबिक दो वर्ष पहले जिले की ग्राम पंचायत, नगर निगम, नगर पंचायत, नगर पालिकाओं में ऑनलाइन जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू हुई। दो वर्ष पहले कैंटोनमेंट मिलिट्री हॉस्पिटल को भी गवर्नमेंट हॉस्पिटल की तर्ज पर शामिल किया गया। निर्देश थे कि हॉस्पिटल, सीएचसी, पीएचसी जहां भी बच्चे का जन्म या किसी की मृत्यु हो वहीं, से ऑनलाइन सर्टिफिकेट जारी किए जाएं। इसके लिए वर्ष 2015 में ट्रेनिंग भी हुई थी, जिसमें प्रत्येक को यूजर आईडी पासवर्ड देकर पासवर्ड बदलने के निर्देश दिए गए थे। संभावना है कि मिलिट्री हॉस्पिटल ने पासवर्ड चेंज नहीं किया होगा, जिससे उनका लॉगिन हैक हुआ।
4 सर्टिफिकेट हो गए जारी
मिलिट्री हॉस्पिटल से दो परिवारों के दो-दो जन्म प्रमाण पत्र करीब 20 दिन पहले जारी हुए। जब उनके वेरिफिकेशन की बारी आई, तो उनके फेक होने का पता चला। जानकारी देते हुए सीएमओ के डाटा प्रोसेसिंग असिस्टेंट हितेंद्र ने बताया कि सर्टिफिकेट हिन्दी में जारी हुए थे। जबकि मिलिट्री हॉस्पिटल में जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र इंग्लिश लैंग्वेज में जारी होते हैं। मामला पकड़ में आया तो उसका मिलान वहां के बर्थ सर्टिफिकेट रजिस्टर से किया गया, जिसका वहां कोई रिकॉर्ड ही नहीं था। तत्काल मिलिट्री हॉस्पिटल की सीनियर रजिस्ट्रार लेफ्टीनेंट कर्नल ज्योति दास ने सीएमओ को सूचित किया।
प्रति माह देनी होगी अपडेट
सीएमओ ने सॉफ्टवेयर में दर्ज हो चुके जन्म प्रमाण पत्र को निरस्त कराने समेत नई आईडी और पासवर्ड दे दिया है। साथ ही, मिलिट्री हॉस्पिटल की सीनियर रजिस्ट्रार से कहा है कि प्रत्येक माह की 2 तारीख को रिपोर्ट से अवगत कराते रहें।
यूजर आईडी पासवर्ड हैक होना काफी गंभीर मामला है। इसकी जानकारी मिलते ही तत्काल नई लॉगिन आईडी और पासवर्ड कैंटोनमेंट मिलिट्री हॉस्पिटल को जारी कर दिया है। बनाए गए फेक बर्थ सर्टिफिकेट निरस्त कर दिए गए हैं।
डॉ। विनीत शुक्ला, सीएमओ
बिना रिकॉर्ड कैसे बना सर्टिफिकेट
कैंटोनमेंट मिलिट्री हॉस्पिटल में जब जन्म प्रमाण पत्र का कोई रिकॉर्ड मौजूद ही नहीं है। सर्टिफिकेट पर दर्ज पेरेंट्स ही फीड एड्रेस पर नहीं हैं, तो आखिर ऐसा फेक सर्टिफिकेट जारी ही क्यों किया गया। यह भी जांच का विषय है। सूत्रों के मुताबिक सेना की इंटेलीजेंस विंग प्रत्येक संभावित सवालों पर गहन जांच कर रही है। सर्विलांस सेल से दर्ज मोबाइल नंबर को ट्रेस किया जा रहा है।