वॉर अफेक्टेड इराक और अफगानिस्तान में अमेरिकन आर्मी के साथ डिप्लॉयड कुछ कुत्तों के बिहैवियर में बदलाव आया है. कुछ का बिहैवियर अपने ट्रेनर्स के लिए काफी एग्रेसिव हो गया है. वह वॉर की खतरनाक यादों से जुड़े डिसऑर्डर का शिकार हो रहे हैं. यह दावा किया है एनिमल बिहैवियर एक्सपर्ट डॉ. वाल्टर एफ बर्गट जूनियर ने. इस डिसऑर्डर को पोस्ट-ट्रामेटिक स्ट्रेस डिसआर्डर (पीटीएसडी) कहते हैं.
हटाए जाएंगे service से
अमेरिकी आर्मी के साथ डिप्लॉयड करीब 650 कुत्तों में से पांच परसेंट से ज्यादा में पीटीएसडी डिसऑर्डर डेवलप हो रहा है. इनमें से आधे कुत्तों को सर्विस से हटाए जाने की आशंका है. डॉ. बर्गट कुत्तों में इस डिआर्डर का पता लगाने वाले पहले डॉक्टर हैं. बर्गट के हवाले से कहा गया है कि जानवरों में बिहैवियरल प्रॉब्लम का पता बहुत पहले लगाया जा चुका है, लेकिन पीटीएसडी का कांसेप्ट सिर्फ डेढ़ साल पुराना है.
अमेरिकन आर्मी के साथ इराक और अफगानिस्तान में बम तलाशने वाले, गोलियों की तड़तड़ाहट सुनने वाले और आम्र्ड वॉयलेंस के दौरान साथ रहने वाले कुत्तों को होने वाली परेशानी और उनके बिहैवियर में बदलाव पर नजर रखने वाले मिलिट्री एनिमल डॉक्टर्स में यह बहस काफी चर्चा में है. डॉक्टर्स के मुताबिक इंसानों की तरह अलग-अलग कुत्तों में भी प्राब्लम्स के सिंपटम्स अलग-अलग पाए जाते हैं.
US army हुई serious
पहले से ही अपने सोल्जर्स में बढ़ते स्ट्रेस लेवल की वजह से परेशान हो चुकी यूएस आर्मी अब इस नई खबर से काफी परेशान है. यूएस आर्मी के मुताबिक आगे आने वाले समय में कॉम्बेट जोन में कुत्तों की इंपॉर्टेंस काफी बढऩे वाली है. ऐसे में वो कोई भी रिस्क नहीं ले सकते हैं. ये कुत्ते आईडी ब्लास्ट को डिटेक्ट करने में काफी अहम हैं.
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