कानपुर। दुनिया की आधुनिक रायफलों में शामिल एके-47 के डिजाइनर मिखाइल क्लाशनिकोव ने आज ही के दिन इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। ब्रिटेनिका के मुताबिक, रूसी हथियार डिजाइनर मिखाइल क्लाशनिकोव का जन्म 10 नवंबर, 1919 को सोवियत रूस के साइबेरिया स्थित कुरिया में हुआ था। क्लाशनिकोव एक किसान परिवार में पैदा हुए थे और 1938 में उन्हें रूसी सेना में टैंक ड्राइवर के तौर पर शामिल किया गया था। सेना के भर्ती होने के तुरंत बाद उन्होंने ऐसे उपकरणों का निर्माण किया, जो टैंक के गोला-बारूद खर्च और उसके इंजन के चलने के समय की गणना कर सकते थे। मिखाइल को आधुनिक हथियारों में काफी रुचि थी और उनके इस दिलचस्पी को देखते हुए उन्हें सेना में आर्म्स बनाने का काम सौंप दिया गया।
100 से अधिक बनाये हथियार
क्लाशनिकोव ने अपने करियर के दौरान 100 से अधिक रायफल और मशीन गन तैयार किये लेकिन AK-47 सबसे अलग और पावरफुल साबित हुआ। बता दें कि असॉल्ट रायफल एके-47 का निर्माण क्लाशनिकोव ने 1947 में किया था। AK-47 का पूरा नाम ऑटोमैटिक क्लाशनिकोव 47 है। यह हथियार ऑटोमैटिक है और इसे क्लाशनिकोव नाम इसलिए दिया गया क्योंकि इसे मिखाइल क्लाशनिकोव ने निर्माण किया था। इस हथियार की खास बात यह है कि इसे सैनिक ग्लव्स पहनकर भी चला सकते हैं। यह रायफल एक मिनट में 600 गोलियां दागने की क्षमता रखता है। एके-47 में भी दो तरह के हथियार हैं, एक सेमिऑटोमैटिक और दूसरा ऑटोमैटिक। ऑटोमैटिक एके-47 से फायरिंग करने पर पूरी गोलियां एक बार में निकल जाती हैं। इसके बाद सेमिऑटोमैटिक से फायरिंग करने पर एक बार में एक ही गोली चलती है। आम जनता के लिए यह हथियार प्रबंधित है।
आतंकियों के हाथ में हथियार देखकर दुखी
बता दें कि एके-47 के निर्माण को लेकर क्लाशनिकोव अपने अंतिम समय में बहुत दुखी थे। वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, एक कार्यक्रम में उन्होंने दुख जताते हुए कहा, 'मुझे अपने आविष्कार पर गर्व है लेकिन दूसरी ओर आतंकवादियों के हाथों में इस हथियार को देख कर मुझे चिंता होती है। मुझे ऐसा महसूस होता है कि अगर मैं घास काटने वाली मशीन बनाता तो उससे मुझे ज्यादा खुशी होती।' 23 दिसंबर, 2013 को 94 वर्ष की उम्र में मिखाइल कलाश्निकोव का निधन हो गया था।रूसी हमले के बाद यूक्रेन नेवी को अमेरिका देगा 10 मिलियन डॉलर की ताकत
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