क्या है जानकारी
कैनालिस की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि अक्टूबर से दिसंबर के बीच में गुड़गांव स्थित माइक्रोमैक्स ने देश में स्मार्टफोन की बिक्री के कुल 22 फीसदी हिस्से को पहले ही हथिया लिया था. वहीं सैमसंग को सिर्फ 20 फीसदी में ही संतोष करना पड़ा था. इसी दौरान देश में बिकने वाले कुल स्मार्टफोन्स की संख्या पर गौर करें तो 2 करोड़ 16 लाख स्मार्टफोन बिके. यह संख्या पिछले साल की तुलना में 90 फीसदी ज्यादा आंकी गई है.
यूजर्स के नाम पर भारत है कौन से स्थान पर
अब वहीं कुल मोबाइल फोन यूजर्स की बात करें तो यूजर्स के मामले में भारत का चीन के बाद दूसरा नंबर है. इसके साथ ही स्मार्टफोन के मामले में भारत तीसरे पावदान पर है. यहां सस्ते स्मार्टफोन्स की मांग बहुत ज्यादा है. ऐसे में कैनालिस ने कहा कि माइक्रोमैक्स की सफलता का एक कारण यह भी रहा है कि उसने अपने पुराने फोन से स्मार्टफोन में अपग्रेड करने वालों को काफी हद तक आकर्षित करने में सफलता पाई है.
भारत में कैसे फोन्स की डिमांड है ज्यादा
इनके अलावा एजेंसी से मिलने वाली अन्य रिपोर्ट पर गौर करें तो, भारत में 6,000 रुपये के आसपास के फोन की बहुत ज्याद मांग है. ऐसे में माइक्रोमैक्स के बाद सैमसंग का नंबर तो था, लेकिन दो अन्य भारतीय कंपनियां कार्बन और लावा तीसरे व चौथे नंबर पर काबिज रहे. बताते चलें कि माइक्रोमैक्स को नंबर वन घोषित करने वाली जानकारी रिसर्च एजेंसी कैनालिस की ओर से जारी की गई है.
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