डॉ. कलाम को भारत के अंतरिक्ष व मिसाइल कार्यक्रम के विकास के लिए याद किया जाएगा। 1998 में पोखरण में दूसरी बार हुए परमाणु परीक्षण में भी उनका योगदान रहा। सादगी भरा जीवन जीने वाले डॉ. कलाम को बच्चों व युवाओं में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए भी याद रखा जाएगा।
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम अब भले ही हमारे बीच नहीं हैं लेकिन आने वाले बरसों में वह देश के करोड़ों युवाओं और बच्चों के प्रेरणास्त्रोत बने रहेंगे। उनकी कही बातें रह-रहकर उन्हें सही दिशा में चलने के लिए प्रेरित करती रहेंगी.
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