नई दिल्ली (पीटीआई)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को घरेलू चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए संसाधन उत्पन्न करने के लिए चिकित्सा उपकरणों के आयात पर मामूली स्वास्थ्य उपकार लगाने का प्रस्ताव रखा है। अपने दूसरे बजट भाषण में, सीतारमण ने कहा कि कुछ साल पहले तक भारत चिकित्सा उपकरणों के आयात पर निर्भर था। अब, न केवल देश चिकित्सा उपकरणों का निर्माण कर रहा है, बल्कि उन्हें बड़ी मात्रा में निर्यात भी कर रहा है। यह कहते हुए कि इस क्षेत्र को और अधिक प्रोत्साहन मिलना चाहिए, सीतारमण ने कहा, 'सरकार सभी को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है और आयुष्मान भारत ने इसे संभव बनाया है।'
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इंफ्रास्ट्रक्चर को ठीक करने के लिए किया जाएगा पैसों का इस्तेमाल
वित्त मंत्री ने कहा, 'घरेलू उद्योग को प्रोत्साहन देने और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए संसाधन उत्पन्न करने के दोहरे उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए मैं चिकित्सा उपकरणों के आयात पर एक सीमा शुल्क के रूप में मामूली स्वास्थ्य उपकर लगाने का प्रस्ताव रखती हूं क्योंकि इन सामानों को अब भारत में काफी बनाया जा रहा है।' उन्होंने कहा कि इस उपकर से आने वाले पैसों का इस्तेमाल जरुरतमंद जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं के इंफ्रास्ट्रक्चर को ठीक करने के लिए किया जाएगा। सीतारमण ने आगे कहा, 'मेक इन इंडिया की हमारी नीति ने फायदा देना शुरू कर दिया है। भारत अब विश्व स्तर का सामान बना रहा है और ऐसे उत्पादों का निर्यात कर रहा है।' बता दें कि इस घोषणा के बाद देश में आयातित चिकित्सा उपकरण अब महंगे हो जाएंगे।