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LUCKNOW: लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर आयोजित बैठक में बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से कहा कि बसपा के लिए यह विश्वसनीयता की घड़ी है। गठबंधन को ताकत देना जरूरी है ताकि इसको भविष्य मेंं भी जारी रखा जा सके। इसलिए आपसी गिले-शिकवे भुलाकर आपसी तालमेल को बढ़ाया जाए। सख्त लहजे में कहा कि शिकायतों को लेकर रोने-धोने की जरूरत नहीं बल्कि गठबंधन के दोनों दोस्त एक-दूसरे की जमकर मदद करें। दोनों दलों के आम कार्यकर्ताओं में आपसी तालमेल न हो पाने से आशंकित मायावती ने गठबंधन धर्म ईमानदारी से निभाने का पाठ पढ़ाया।

रवैया बदले कांगे्रस वरना करेंगे पुनर्विचार

बसपा प्रमुख ने कांग्रेस के लिए छोड़ी दोनों सीटों का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस नेतृत्व का रवैया नहीं बदलेगा तो रायबरेली व अमेठी को लेकर पुनर्विचार संभव है। बैठक में उन्होंने रालोद का एक बार भी नाम नहीं लिया जबकि गठबंधन को भाजपा की नींद उड़ाने वाला बताया। वहीं पुलवामा की आतंकी घटना में शहीद हुए जवानों का स्मरण करते हुए मायावती ने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि शहीदों के परिवारों का यथासंभव दुख-दर्द बांटें। उन्होंने कहा कि सरकारें रस्म अदायगी ही करती हैं और समय बीतने पर शहीदों के  परिवारीजनों को उनके हाल पर बेसहारा छोड़ दिया जाता है। उन्होंने दीर्घकालीन मजबूत व विश्वसनीय नीति बनाने पर बल दिया ताकि कोई भी देश भारत की ओर आंख उठा कर न देख पाए। उन्होंने चुनाव के मद्देनजर प्रदेश को दो क्षेत्रों (पूर्वी-पश्चिमी) में बांट कर संगठन का पुनर्गठन भी किया।

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