Mauni Amavasya 2020 kab hai: अमावस्या 23 जनवरी की रात्रि 1 बजकर 40 मिनट से लग रही है जो 24 जनवरी को रात्रि 2 बजकर 6 मिनट तक रहेगी। जिस कारण से 24 जनवरी को सम्पूर्ण दिन में अमावस्या का पुण्य काल प्राप्त हो रहा है। इस पवित्र तिथि पर मौन रहकर अथवा मुनियों के समान आचरण पूर्वक स्नान- दान करने का विशेष महत्व है।
स्नान- दान करने से मिलेगा विशेष फल
इस दिन त्रिवेणी अथवा गंगातट पर स्नान- दान की अपार महिमा है। मौनी अमावस्या को नित्यकर्म से निवृत्त हो स्नान करके तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला व वस्त्र आदि का दान करना चाहिए। इस दिन साधु, महात्मा तथा ब्राह्मणों के सेवन के लिए अग्नि प्रज्वलित करना चाहिए। इसके अलावा उन्हें कम्बल या जाड़े के वस्त्र देने चाहिए।
तैलमामलकाश्चैव तीर्थे देयास्तु नित्यशः।
ततः प्रज्वालयेद्वह्निं सेवनार्थे द्विजन्मनाम्।।
कम्बलाजिनरत्नानि वासांसि विविधानि च।
चोलकानि च देयानि प्रच्छादनपटास्तथा।।
गुड़ में बने काले तिल के लड्डू करें दान
इस दिन गुड़ में काला तिल मिलाकर लड्डू बनाना चाहिए। इसके बाद उसे लाल वस्त्र में बांधकर ही धान करना चाहिए। इस तरह दान करने से विशेष कृपा प्राप्त होगी। स्नान- दान आदि के अतिरिक्त इस दिन पितृ- श्राद्धादि करने का भी विधान है।
- ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश प्रसाद मिश्र