पाकिस्तान के स्वात इलाक़े के कट्टरपंथी कमांडर मौलाना फ़ज़लुल्लाह को उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान में हुई एक मजलिस के बाद नेता चुना गया.
पिछले दिनों एक ड्रोन हमले में हकीमुल्लाह महसूद की मौत के बाद कमांडर का पद ख़ाली था.
तालिबान कमांडर ख़ालिद हक़्क़ानी को मौलाना फ़ज़लुल्लाह का डिप्टी बनाया गया है.
नए नेता के नाम के ऐलान के बाद मीरानशाह इलाक़े में जश्न और ज़ोरदार गोलीबारी की ख़बरें मिली हैं.
मौलाना फ़ज़लुल्लाह स्वात इलाक़े के हैं और उनके धड़े ने पिछले साल पाकिस्तानी स्कूल छात्रा मलाला यूसुफ़ज़ई पर हमले की ज़िम्मेदारी ली थी.
इस्लामाबाद में मौजूद बीबीसी संवाददाता रिचर्ड गेल्पिन के मुताबिक़ मौलाना फ़ज़लुल्लाह से किसी भी तरह की शांति वार्ता की उम्मीद रखना बेमानी होगा.
महसूद के उत्तराधिकारी
एक नवंबर को उत्तरी वज़ीरिस्तान क्षेत्र में मिसाइल हमले के दौरान महसूद की मौत हो गई थी.
इस हमले के लिए पाकिस्तान सरकार ने अमरीका को ज़िम्मेदार ठहराया था और आरोप लगाया था कि उसने तालिबान के साथ शुरू हुई शांति वार्ता के प्रयासों को धक्का पहुंचाया है.
गृहमंत्री चौधरी निसार अली ख़ान ने कहा था कि ड्रोन हमला ''एक शख़्स की हत्या नहीं बल्कि सभी शांति प्रयासों की मौत" थी.
नए नेता चुने जाने से ठीक पहले बीबीसी संवाददाता एम इलियास ख़ान ने इस्लामाबाद में बताया था कि मौलाना फ़ज़लुल्लाह महसूद की बिरादरी के सदस्य नहीं हैं और अगर वे चुने जाते हैं तो उन्हें महसूद के लड़ाकों को क़ाबू करने की चुनौती झेलनी पड़ेगी, जो असल में इस वक़्त तालिबान की ताक़त हैं.
‘देसी’ नेता नहीं
यह पहली बार है कि पाकिस्तानी तालिबान ने ऐसे शख़्स को अपना नेता चुना है, जो देश की क़बायली बेल्ट से नहीं आता.
मौलाना फ़ज़लुल्लाह ने स्वात में 2007 से 2009 के बीच एक बेहद नृशंस अभियान चलाया था और कट्टर इस्लामी क़ानून का पालन कराने की कोशिश की थी. इस अभियान के दौरान कई स्कूलों और सार्वजनिक इमारतों में आग लगा दी गई थी और कई लोगों की गर्दनें उतार दी गई थीं.
स्वात इलाक़े पर फिर से क़ब्ज़ा करने के लिए सरकार को सैन्य अभियान चलाना पड़ा था और 2009 में सैन्य ऑपरेशन के दौरान फ़ज़लुल्लाह को खदेड़ दिया गया था. तब से वह पाकिस्तान-अफ़ग़ानिस्तान सीमा पर किसी इलाक़े में रह रहे हैं.
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