देश को थीं उम्मीदें
पांच बार वर्ल्ड चैंपियन रहीं एमसी मैरी कॉम का लगातार दूसरी बार ओलिंपिक में हिस्सा लेने रियो जाने का सपना चकनाचूर हो गया। वे महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के सेकेंड राउंड में हार कर बाहर हो गईं। 2012 के लंदन ओलिंपिक में 51 किग्रा वर्ग में उन्हें कांस्य पदक मिला था। इसके साथ ही उन्होंने देश का नाम लंदन ओलंपिक में ऊंचा किया था। उनसे देश को बहुत सारी उम्मीदें थीं।
एजिजी निमानी के हाथों 0-2 से झेलनी पड़ी हार
विजेता मैरी कॉम को विश्व चैंपियनशिप के दूसरे दौर में जर्मनी की एजिजी निमानी के हाथों 0-2 से हार झेलनी पड़ी। इस चैंपियनशिप में सेमीफाइनल तक पहुंचने वाली मुक्केबाजों को ओलिंपिक की पात्रता हासिल होनी है। पहले राउंड में मैरी कॉम ने आक्रामक शुरुआत की जबकि निमानी ने कम आक्रमण किए, लेकिन वे कुछ काउंटर जैब्स कनेक्ट करने में कामयाब रहीं। मैरी कॉम ने दूसरे राउंड में भी आक्रामक रूख अपनाया, लेकिन वे जजेस का ध्यान आकर्षित नहीं कर पाई। निमानी की रक्षात्मक रणनीति से मैरी कॉम परेशान हुई और उन्होंने गलतियां की।
हाल में बनी थी राज्य सभा सदस्य
अभी कुछ दिन पहले ही राज्य सभा में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी, पूर्व क्रिकेटर और अमृतसर से भाजपा सासंद रहे नवजोत सिंह सिद्धू के साथ ओलंपिक विजेता बॉक्सर मैरी कॉम को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राज्यसभा में मनोनित किया था।