दरअसल मांझी ने दावा किया था कि पिछले महीने जब वह मधुबनी जिले के परमेश्वरी मंदिर में गए थे तो उनके पूजा कर लौटने के बाद वहां रखी मूर्तियों को धुलवाया गया और ये बात उन्हें राज्य के मंत्री राम लखन राम रमन ने बताई.
लेकिन बीबीसी से फ़ोन पर बात करते हुए रमन ने कहा, "जिस पूजा-अर्चना का जिक्र मुख्यमंत्री ने किया है उस दौरान मैं मुख्यमंत्री के साथ नहीं था."
इसके अलावा रमन ने मुख्यमंत्री के दावे पर कुछ और कहने से इनकार कर दिया लेकिन ये ज़रूर कहा कि उस इलाके में इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं.
कई स्थानीय अख़बारों के मुताबिक़ कथित तौर पर रमन ने कहा कि उन्होंने मंदिर या मूर्तियां धुलवाए जाने की बात मुख्यमंत्री को नहीं बताई.
मांझी पर सवाल
बिहार राज्य के मंत्री राम लखन राम रमण ने मुख्य मंत्री के दावे से अलग हट के प्रतिक्रिया दी है.
वहीं इस पूरे मामले पर सत्तारुढ़ जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने बीबीसी को बताया कि मुख्यमंत्री से उनके कल के बयान के संबंध में उनकी अब-तक कोई बात नहीं हुई है.
उन्होंने आगे कहा कि इस मामले पर वे मुख्यमंत्री से बात करने के बाद ही कोई प्रतिक्रिया देंगे.
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हाल के दिनों में मुख्यमंत्री अपने बयान से पीछे भी हटते रहे हैं.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भोला पासवान शास्त्री की जयंती के अवसर पर पटना में आयोजित एक समारोह में मांझी ने ये दावा किया था.
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