मलाला की ये तस्वीर ब्रितानी कलाकार जोनाथन यिओ ने बनाई है.
लड़कियों को स्कूल जाने का अधिकार दिलाने के लिए अभियान चलाने वाली 16 वर्षीय मलाला पर साल 2012 में पाकिस्तान में हमला किया गया था.
यिओ का कहना है, ''हमारे समय की एक सबसे प्रेरणादायी शख्सियत की तस्वीर बनाना सम्मान की बात है.''
इस तस्वीर में मलाला को होमवर्क करते हुए दिखाया गया है. मलाला की ये तस्वीर डेमियन हर्स्ट और केविन स्पेसी जैसी हस्तियों की तस्वीरों के साथ प्रदर्शित की जाएगी जिन्हें यिओ ने ही बनाया है.
अक्टूबर 2012 में स्कूल से घर लौटते समय बस में सवार मलाला के सिर में तालिबान के बंदूकधारियों ने गोली मार दी थी.
"उम्मीद है कि इस पेंटिंग में कुछ हद तक उस विरोधाभास को दिखाया जा सका है, जिसमें एक तरफ तो उनमें एक जबर्दस्त शक्ति और अक्लमंदी है जबकि दूसरी तरफ वो नाज़ुक और युवा हैं."
-जोनाथन यिओ, चित्रकार
इसके बाद इलाज के लिए मलाला को बर्मिंघम लाया गया और अब वह इसी शहर में रह रही है.
यिओ पहली बार अप्रैल में मलाला और उनके परिवार से मिले थे. उस वक्त उन्होंने ब्रिटेन में स्कूल जाना शुरू ही किया था और चोट से उबर रही थीं.
'बड़ा सम्मान'
यिओ ने कहा, "मलाला के जीवन के उस नाज़ुक मोड़ पर मलाला और उनके परिवार के साथ कुछ समय बिताना बड़ी किस्मत की बात थी. उनकी एक संघर्ष भरी कहानी होने के बावजूद इस सच्चाई को समझने में समय नहीं लगा कि वह अब भी एक नाजुक किशोरी हैं."
उन्होंने कहा, ''उम्मीद है कि इस पेंटिंग में कुछ हद तक उस विरोधाभास को दिखाया जा सका है, जिसमें एक तरफ तो उनमें एक जबर्दस्त शक्ति और अक्लमंदी है जबकि दूसरी तरफ वो नाज़ुक और युवा हैं.''
इस तस्वीर को बाद में मलाला के चैरिटी फंड के लिए नीलाम किया जाएगा, जो लड़कियों के पढ़ने के अधिकार के लिए अभियान चलाता है.
हाल ही में अंतरराष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार से सम्मानित मलाला ने कहा कि "नेशनल पोर्ट्रेट गैलरी में मेरी तस्वीर लगना सम्मान की बात है और इसने मेरे दिल को छुआ है कि जोनाथ ने मेरी तस्वीर बनाने की इच्छा जताई."
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