उज्जैन (एएनआई)। Mahashivratri 2023 : महाशिवरात्रि देश में सबसे शुभ त्योहारों में से एक माना जाता है। इस महापर्व के चलते शिवालय आदि सज चुके हैं। इस दाैरान उज्जैन में भी विशेष तैयारियां हो चुकी हैं। महाशिवरात्रि पर शिप्रा नदी के विभिन्न घाटों पर 21 लाख मिट्टी के दीये जलाए जाएंगे। राज्य के मंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को कहा, "हम 21 लाख मिट्टी के दीये जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने की कोशिश करेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि यह पर्व पूरे भारत में प्रतिवर्ष काफी जोश व उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष महाशिवरात्रि 18 फरवरी, 2023 को मनाई जाएगी। तो इस दिन 'हर हर महादेव' का जाप सुनने के लिए तैयार हो जाइए।
महाशिवरात्रि को विशेष रूप से शुभ माना जाता
यूं तो हिंदू कैलेंडर के हर चंद्र महीने में एक शिवरात्रि होती है लेकिन महाशिवरात्रि, हर साल फरवरी/मार्च में केवल एक बार होती है। साल भर में मनाई जाने वाली 12 शिवरात्रियों में से, महाशिवरात्रि को विशेष रूप से शुभ माना जाता है, क्योंकि इसे शिव और शक्ति के अभिसरण की रात माना जाता है, जिसका सार रूप में अर्थ है कि दुनिया को संतुलन में रखने वाली पुरुष और स्त्री ऊर्जा। शिव और शक्ति को प्रेम, शक्ति और एकता के अवतार के रूप में पूजा जाता है। पूरी दुनिया को बुरे प्रभावों से बचाने के लिए, शिव ने पूरा विष पी लिया और उसे निगलने के बजाय अपने कंठ में धारण कर लिया। इससे उनका कंठ नीला पड़ गया और वे नीलकंठ कहलाने लगे।
देश के इन राज्यों में काफी धूमधाम से मनायी जाती
बतादें कि उत्तराखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश या तेलंगाना सहित देश के हर राज्य में महाशिवरात्रि मनाई जाती है। शिव भक्त 24 घंटे के उपवास से गुजरते हैं जो अगली सुबह परायण करते हैं। महाशिवरात्रि पूजा, कई अन्य त्योहारों के विपरीत, रात में की जाती है। व्रत के दौरान भक्त रागी, साबूदाना, फल और सब्जियों जैसे सात्विक खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं।
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