भगवान शिव को शीघ्र प्रसन्न होने वाला देव माना गया है। यदि व्यक्ति मन ही मन शिव का स्मरण करता है, तो उसे भी भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है। यही कारण है कि न केवल हमारे देश में बल्कि पूरी दुनिया में शिव मंदिरों की संख्या सबसे अधिक है।
महाशिवरात्रि पर मंदिरों में शिवलिंग की पूजा विशेष रूप से की जाती है। विशेष प्रकार के शिवलिंगों के माध्यम से पूजा-अर्चना करने पर विशेष एवं शीघ्र कृपा होती है। आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य पं राजीव शर्मा से इन विशेष शिव आराधना के बारे में —
1. शत्रु नाश के लिए:-
यदि आपके शत्रु अधिक हैं तो लहसुनियां से बने शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। इससे शत्रुनाश होता है।
2. भय दूर करने के लिए:-
यदि आपको किसी भी प्रकार का भय लगता तो आप दूर्वा को पीस-गूंथ कर शिवलिंग की आकृति दें और फिर उसकी पूजा करें। इससे आपको हर प्रकार के भय से मुक्ति मिलेगी।
3. संतान प्राप्ति के लिए:-
संतान प्राप्ति के लिए बांस के अंकुर से शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा करें।
4. सुख समृद्धि के लिए:-
सुख समृद्धि के लिए दही को कपडे़ में बांधकर पानी निकलने के बाद दही जब कठोर हो, तब उससे शिवलिंग बनाकर पूजा करें। चीनी से बने शिवलिंग की पूजा करने से सुख शान्ति बनी रहती है।
5. रोग निवारण के लिए:-
रोग निवारण के लिए मिश्री से बने शिवलिंग की पूजा करने से तुरन्त लाभ प्राप्त होता है। इस शिवलिंग के समक्ष रूद्राष्ठाधायी का पाठ करें।
6. कृषि उत्पादन के लिए:-
गुण में अन्न चुपका कर शिवलिंग का निर्माण कर उसकी पूजा करें।
7. विवाह बाधा निवारण:-
विवाह बाधा निवारण के लिए मोती अथवा नवनीत के वृक्ष के पत्ते से बने शिवलिंग की पूजा करें। इससे विवाह बाधा शीघ्र समाप्त होगी।
8. आयु वृद्धि के लिए:-
आयु वृद्धि के लिए कस्तुरी व चन्दन से बने शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए।
9. नवग्रह शान्ति के लिए:-
(क) चन्द्र-दूध में काले तिल मिलाकर स्नान कराएं।
(ख) सूर्य- आक पुष्प एवं बिल्ब पत्र से पूजा करें।
(ग) मंगल- गिलोय बूटी के रस से अभिषेक करें।
(घ) बुध- विधारा जड़ी के रस से अभिषेक करें।
(ड़) गुरू- दूध में हल्दी मिलाकर अभिषेक करें।
(च) शुक्र- पंचामृत शहद व घी से अभिषेक करें।
(छ) शनि- गन्ने का रस व छाछ से स्नान करायें।
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