महाशिवरात्रि के दिन श्रद्धालु भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनका विधिवत पूजन करते हैं। इस दिन पूजन के बाद भगवान शिव की आरती की जाती है।
इस बार महाशिवरात्रि 04 मार्च 2019 को है। इस दिन सच्चे मन से शिव आरती करने से श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
शिव आरती
ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अद्र्धांगी धारा॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे।
हंसासन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक ब्रह्मादिक प्रेतादिक संगे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
कर के मध्य कमण्डल चक्र त्रिशूलधर्ता।
जगकर्ता जगहर्ता जगपालनकर्ता॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर के मध्ये ये तीनों एका॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
लक्ष्मीवर गायत्री पार्वती संगे।
अद्र्धांगी त्रिपुरारी सिर सोहत गंगे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
हाथ में कमण्डल, कानों में कुण्डल, गले रुण्डमाला।
जटा में गंग विराजत, आसन मृगछाला॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
काशी में विश्वनाथ विराजत, नंदी ब्रह्मचारी।
नित उठ भोग लगावत, महिमा अतिभारी॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥ प्रभु हर शिव ओंकारा॥
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