कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Maharashtra Political Crisis : महाराष्ट्र की राजनीति में मची कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। यहां की राजनीति दिन-ब-दिन करवट लेती जा रही है। यहां एक तरफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार व उनके भतीजे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार एक दूसरे के आमने-सामने हैं। इसकी वजह से यहां ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि पता नहीं कौन किसके पक्ष में होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी दोनों तरफ से सिर्फ बड़े-बड़े दावे हो रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ शिवसेना (उद्धव) के सांसद संजय राउत अपने बयनों को लेकर चर्चा बने हैं। हाल ही में सांसद संजय राउत ने कहा था कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट के विधायक लगातार उनके संपर्क में हैं।
मातोश्री वापस जाने को तैयार
अजीत पवार के राज्य सरकार में शामिल होने के बाद एकनाथ शिंदे गुट के 17 से 18 विधायक उनसे संपर्क कर रहे हैं। एकनाथ शिंदे गुट के सदस्य बागी एनसीपी विधायकों को मंत्री पद दिए जाने से नाखुश हैं। इतना ही नहीं संजय राउत ने कहा कि जो लोग मंत्री बनना चाहते हैं और जो लोग मंत्रिमंडल विस्तार में अपना पद खो चुके हैं, वे उनसे बातचीत कर मातोश्री वापस जाने को तैयार हैं। वहीं संजय राउत के इन बयानों के बीच एकनाथ शिंदे ग्रुप से आने वाले मंत्री उदय सामंत ने करारा जवाब दिया है।
संजय राउत सिर्फ भ्रमित कर रहे
उदय सामंत का कहना है कि संजय राउत सिर्फ लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। वह अपने ग्रुप के लोगों की नाराजगी पर ध्यान नहीं दे रह है। वर्तमान में उद्धव ठाकरे गुट के छह से 13 विधायकों उनकी पार्टी में शामिल होने के लिए तैयार हैं। बतादें कि हाल ही में अजीत पवार अपने समर्थकों के साथ महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ दल में शामिल हो गए, जिससे एनसीपी प्रमुख शरद पवार को झटका लगा। पार्टी टूटने के कुछ ही घंटों के भीतर अजीत पवार ने महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री का पद संभाला। अजित पवार के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है कि वह जल्द ही मुख्यमंत्री बनेंगे।
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