मुंबई (मिड-डे)। वहीं शुक्रवार को पार्टी प्रमुख से मिलने वाले शिवसेना के विधायक चाहते हैं कि उद्धव ठाकरे गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लें, जिसमें दो अन्य घटक कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) होंगे।

पवार ने राउत का नाम सुझाया

सूत्रों के मुताबिक एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने संजय राउत का नाम सुझाया है, जो शिवसेना के सांसद हैं और बीते दिनों में पार्टी की आवाज बनकर सामने आए, उन्होंने बीजेपी के खिलाफ हमले का नेतृत्व किया और तीनों दलों के बीच मध्यस्थ के रूप में काम किया। यह सुझाव उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे के साथ शरद पवार की गुरुवार आधी रात को हुई बैठक में सामने आया।

उद्धव के बाद शिंदे दूसरी पसंद

हालांकि, जब शिवसेना के विधायक और समर्थक विधायक शुक्रवार सुबह पार्टी प्रमुख के कलानगर निवास मातोश्री में एकत्र हुए, तो सभी ने एक स्वर से उद्धव को नई सरकार के प्रमुख के रूप में देखने की इच्छा जताई। सेना शिविर में अन्य नाम एकनाथ शिंदे हैं, जिन्हें विधायक दल का नेता चुना गया था। मराठा, शिंदे, उद्धव के बाद दूसरी पसंद बनकर उभरे हैं।

सुभाष देसाई का नाम भी चर्चा में  

वयोवृद्ध सुभाष देसाई का नाम भी चर्चा में हैं। वहीं ठाकरे परिवार से चुनावी राजनीति में कदम रखने वाले पहले सदस्य आदित्य ठाकरे का नाम नया होने के कारण शायद आगे नहीं बढ़ रहा। बहरहाल कोई भी फैसला, उद्धव ही लेंगे जिन्होंने बैठक में कहा कि उन्होंने अपने पिता स्वर्गीय बाल ठाकरे से एक शिव सैनिक को सीएम बनाने का वादा किया था। 1995 में, मनोहर जोशी को भाजपा के साथ पार्टी के गठबंधन का नेतृत्व करने के लिए कहा गया। बाद में, नारायण राणे को मौका मिला। सेना के दिवंगत संस्थापक ने रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाई। उद्धव से उम्मीद की जा सकती है कि वे सीधे सरकार का नेतृत्व करने के बजाय ऐसा ही करेंगे।

सरकार बनाने के प्रयासों में तेजी

कांग्रेस व एनसीपी के तीन दलों के गठबंधन का हिस्सा होने के फैसले के बाद सरकार बनाने के कदमों में शुक्रवार को तेजी आई। कांग्रेस विधायक अपने विधायक दल के नेता का चुनाव करने के लिए शुक्रवार को मुंबई में बैठक करेंगे। लेकिन संभावना है कि कांग्रेस आलाकमान को नाम तय करने का एकमात्र अधिकार दिया जाएगा जो पार्टी को मिलने वाले डिप्टी सीएम पद का दावेदार होगा। दिल्ली के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शुक्रवार को मुंबई में पार्टी विधायकों के साथ विचार-विमर्श करने और फिर राकांपा और छोटे सहयोगियों के साथ बैठक करने के लिए पहुंचेंगे। कांग्रेस और एनसीपी बाद में उद्धव सहित शिवसेना के नेताओं से मुलाकात करेंगे।

सरकार बनाने का दावा

सूत्रों ने कहा कि सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राज्यपाल से शुक्रवार को मिलने की उम्मीद नहीं है क्योंकि अभी कई मसले सुलझाए जाने हैं और समय लगेगा। शिवसेना के विधायकों को सुरक्षित स्थान पर भेजने की संभावना है, या तो महाराष्ट्र या राजस्थान जहां कांग्रेस ने अपने विधायकों को रखा था।

'बीजेपी से हमें कुछ नहीं चाहिए'

बीजेपी के शिवसेना को कांग्रेस-एनसीपी के साथ जाने की बजाय पहले तीस महीनों के लिए सीएम पद व मंत्रिमंडल में आधे सदस्यों के नवीनतम प्रस्ताव के बारे में बात करते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि अब इंद्र का भी सिंहासन मिले तो उनकी पार्टी को नहीं चाहिए।  

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