कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Maha Navami 2021 Muhurat & Timing : नवरात्रि का नौवां दिन महा नवमी के रूप में मनाया जाता है। यह मां सिद्धिदात्री को समर्पित है और इसे बहुत शुभ माना जाता है। सिद्धिदात्री शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, सिद्धि का अर्थ है ध्यान करने की क्षमता और धात्री का अर्थ है दाता। इस रूप में, देवी दुर्गा अज्ञान को दूर करती हैं और दिव्य ज्ञान का आशीर्वाद देती हैं। इस वर्ष महा नवमी 14 अक्टूबर 2021, गुरुवार को मनाई जाएगी। नवमी नवरात्रि का अंतिम दिन है। नवमी तिथि 13 अक्टूबर, 2021 दिन बुधवार को रात को 08:07 बजे शुरू होगी और 14 अक्टूबर, 2021 दिन गुरुवार को शाम 06:52 बजे समाप्त होगी। वहीं अश्विनी नवरात्रि पारण 15 अक्टूबर 2021 को हाेगा। इस दिन सूर्योदय सुबह 06:21 और सूर्यास्त 17:52 पर होगा।

मां सिद्धिदात्री का इतिहास और महत्व
मां सिद्धिदात्री के चार हाथ हैं और इनके प्रत्येक हाथ में एक चक्र, शंख, गदा और कमल सुशाेभित है। उनकी आठ सिद्धियां हैं, जो अनिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकम्ब्य, इशित्वा और वशित्व हैं। भगवान शिव को अर्धनारीश्वर के नाम से जाना जाता है क्योंकि भगवान शिव का एक पक्ष देवी सिद्धिदात्री का है। शास्त्रों के अनुसार शिव ने देवी सिद्धिदात्री की पूजा की और सभी सिद्धियों को प्राप्त किया।इस देवी की साधना करने से अलौकिक एवं पारलौकिक कामनाओं की पूर्ति होती है। यह देवी सभी सिद्धियों को देने वाली है इसलिए भक्तजन इनके आशीर्वाद की कामना करते है।

ऐसे करें मां सिद्धिदात्री का विधिवत पूजन
महा नवमी के दिन भक्तों को शीघ्र स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए। इस दिन कई भक्त हवन करते हैं। कलश के पास जो देवी की मूर्ति स्थापित है उसके समक्ष पान और सुपारी अर्पित करें। फूल आदि चढ़ाने के बाद मूर्ति के सामने घी का दीपक जलाएं। मां सिद्धिदात्री के मंत्रों का जाप कर आरती करें। महा नवमी को शाम को भी आरती आदि के बाद मां को भोग लगाया जाता है। कुछ भक्त इस दिन व्रत रखते हैं।महा नवमी के दिन कन्या पूजन एक शुभ परंपरा है जिसका पालन कई लोग करते हैं। मंदिरों को सजाया जाता है। कुछ जगहों पर मेलों का आयोजन किया जाता है।