मुंबई (पीटीआई)। महाराष्ट्र विधानसभा ने गुरुवार को मराठा आरक्षण बिल पास कर दिया। बिल के मुताबिक, राज्य की 32।4 परसेंट मराठा आबादी को 16 परसेंट आरक्षण मिलेगा। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (एसबीसीसी) ने मराठा समुदाय को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा करार दिया था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक दिसंबर तक आरक्षण लागू करने के संकेत दिए थे। इसी तरह महाराष्ट्र में आरक्षण कोटा 52 फीसद से बढ़कर 68 फीसद पर पहुंच गया है। बता दें कि महाराष्ट्र सबसे ज्यादा आरक्षण देने वाला भारत का दूसरा बड़ा राज्य बन गया है। सबसे ज्यादा आरक्षण परसेंटेज के मामले में तमिलनाडु अभी पहले स्थान पर है, जहां विभिन्न श्रेणियों में 69 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है।
एटीआर के लिए मिलेगा समय
महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि मराठा आरक्षण विधेयक को पास करने के लिए अगर और समय की जरूरत हुई तो विधानसभा सत्र की अवधि बढ़ाई जा सकती है। एक्शन टेकिंग रिपोर्ट (एटीआर) और मराठा विधेयक पर चर्चा के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा। पाटिल विधान परिषद में एसबीसीसी की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखे जाने की विपक्ष की मांग पर जवाब दे रहे थे। बता दें कि मराठा समुदाय आरक्षण पाने के लिए 1981 से ही संघर्ष कर रहा है। फड़नवीस की सरकार आने के बाद राज्य में आंदोलन और तेज हो गया था। 2016 के बाद महाराष्ट्र के सभी जिलों में पहले 58 शांतिपूर्ण रैलियां निकाली गईं। इसके बाद राज्य में हिंसक आंदोलन भी हुए। तभी दबाव में आकर मुख्यमंत्री ने नवंबर तक मसला सुलझा लेने का वादा किया था।
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