लखनऊ (पीटीआई)। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी यानि केजीएमयू में इस बीमारी के लिए एक्सपेरिमेंटल ट्रीटमेंट के तौर पर एक 58 वर्षीय डॉक्टर की प्लाज्मा थेरेपी की गई। वो ये थेरिपी पाने वाले पहले कोरोनावायरस पेशेंट बन गए हैं।

कनाडा की डॉक्टर ने डोनेट किया था प्लाजमा

अस्पताल के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि उत्तर प्रदेश के उरई के इस डॉक्टर को कनाडा की एक महिला डॉक्टर के डोनेट किए प्लाज्मा को चढ़ाया गया। ये डॉक्टर खुद पहली COVID-19 की पेशेंट थी जिसे KGMU में एडमिट कराया गया था। अस्पताल के ब्लड ट्रांसफ्यूजन डिपार्टमेंट की डॉक्टर तूलिका चंद्रा ने बताया कि बाद में वो कोरोना वायरस से मुक्त होकर स्वस्थ हो गई थी। डॉक्टर ने ये भी बताया कि अब मरीज को चौबीस घंटे निगरानी में रखा जाएगा और अगर प्लाज्मा की दूसरी खुराक देने की जरूरत पड़ी तो उसे देर रात या मंगलवार को दिया जाएगा। डॉक्टर तूलिका के अनुसार कोरोनोवायरस के तीन मरीज जो अब ठीक हो चुके हैं, वे बीमारी से पीड़ित अन्य लोगों के इलाज के लिए अपना प्लाज्मा दान कर चुके हैं, इनमें केजीएमयू के एक रेजिडेंट डॉक्टर तौसीफ खान भी शामिल हैं।

कॉन्विजेंट प्लाज्मा थेरेपी COVID-19 रोगियों के लिए एक एक्सपेरिमेंटल प्रोसीजर

डॉक्टरों के अनुसार इलाज के लिए प्लाजमा थेरिपी एक ऐसा प्रयोग है जिसमें कोरोनावायरस से ठीक हो चुके शख्स का रक्त इस वायरस के उपचार में काम आने वाली एक एंटीबॉडी डेवलप कर लेता है, जो एक गंभीर रूप से बीमार कोरोनावायरस रोगी को स्थानांतरित किया जाता है। इस थेरेपी के पीछे विचार यह है कि कॉन्विजेंट प्लाज्मा के जरिए एक स्वस्थ व्यक्ति से कोरोना पेशेंट को इम्युनिटी ट्रांसफर की जा सकती है। इस तरह एक बार जब ठीक हुए पेशेंट का रक्त प्लाज्मा दूसरे रोगी के साथ मिल जाता है, तो एंटीबॉडी बीमार व्यक्ति के शरीर में कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ना शुरू कर देती हैं।

ब्लड डोनेशन जितना लगता है तमय

प्लाज्मा दान करने का प्रोसेज ब्लड डोनेट करने की तरह होता है, और इसमें लगभग एक घंटा लगता है। 21 अप्रैल को, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के चिकित्सा अधिकारियों से इसकी एफिशियेंसी की जांच के बाद COVID-19 रोगियों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी को बढ़ावा देने के लिए कहा था। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने हाल ही में राज्यों को प्लाज्मा थेरेपी के क्लीनिकल टेस्ट शुरू करने की अनुमति दी है। केरल, गुजरात और पंजाब जैसे कई राज्यों ने कोरोनवायरस रोगियों के इलाज के लिए इसका इस्तेमाल शुरू कर दिया है। यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई अन्य देशों ने भी प्लाज्मा थेरेपी परीक्षण शुरू कर दिया है।

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