इंटरनैशनल साइंटिस्ट की एक टीम ने पाया है कि सिंपैथी और रिलेशनशिप को अफेक्ट करने वाले हार्मोन ऑक्सीटोसिन का छिड़काव अगर नाक पर किया जाये तो यह शर्मीले इंसान को सोशल होने में मदद करता है.
साइंटिस्ट्स का मानना है कि ‘लव हार्मोन’ के नाम से फेमस यह हार्मोन उन लोगों पर बहुत कम असर डालता है, जो बाई नेचर ही कान्फीडेंट होते हैं. इसका मतलब यह है कि यह स्प्रे केवल उन लोगों पर ही असर करता है जो काफी ज्यादा संकोची हैं.
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के माउंट सिनाई स्कूल ऑफ मेडीसन की प्रिन्सिपल जेनीफर बार्त्ज कहती हैं कि ऑक्सीटोसिन के बारे में आमतौर पर माना जाता है कि यह दूसरों को समझने में मदद करती है. डेली मेल न्यूजपेपर को जेनिफर ने बताया कि उनका रिसर्च यह भी साबित करता है कि यह ऑक्सीटोसिन केवल उन्हीं लोगों की मदद करती है, जो सोसली एक्टिव नहीं होते हैं.
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