बसपा सुप्रीमो ने हापुड़ रोड पर रैली को संबोधित किया
गरीबों को छह हजार प्रति माह नहीं, स्थाई रोजगार का वादा
जयंत चौधरी को नल का प्रतीक चिंह देकर किया सम्मानित
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MEERUT : बसपा सुप्रीमों मायावती ने सोमवार को हापुड रोड पर जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने चौकीदारों की सरकार को उखाड़ फेंकने का आहवान किया, वहीं कांग्रेस सरकारों की गलत नीतियों को उसकी खराब हालत का कारण बताया. मायावती ने गरीबों को प्रति माह छह हजार रुपए देने वाली कांग्रेस की न्याय योजना पर वार करते हुए स्थाई रोजगार के साथ हर हाथ को काम देने की घोषणा की. इस दौरान जयंत चौधरी को सम्मानित कर रालोद वोटर्स को लुभाने का भी प्रयास किया गया.
लोग गठबंधन को जिताएंगे
रैली को संबोधित करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि गठबंधन के लोगों पर नरेंद्र मोदी की 'सराब' का ऐसा नशा चढ़ गया कि है कि वह अपने गठबंधन के उम्मीदवारों को रिकार्ड वोटों से जिताएंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस भी इस बार अपनी जातिवादी नीतियों और कार्यप्रणाली के कारण सत्ता से बाहर जाएगी. ऐसे में चौकीदारों की नाटकबाजी भी पार्टी को बचा नहीं पाएगी. उन्होंने कहा कि भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में जनता को अच्छे दिन दिखाने के चुनावी वायदे किए थे वो कांग्रेस की सरकार के चुनावी वादों की तरह खोखले साबित हुए हैं. अब दोबारा चुनाव में कांग्रेस पार्टी दोबारा इसी प्रकार के वादे कर रही है.
स्थाई रोजगार का वादा
बसपा सुप्रीमों ने कहा कि हर महीने छह हजार रुपए देने से भी गरीबी दूर नही होने वाली है. यदि केंद्र में हमारी सरकार बनी तो अति गरीब परिवारों को सरकारी व गैर सरकारी क्षेत्र में स्थाई रोजगार देने की व्यवस्था की जाएगी. हर हाथ को काम देने से ही बेरोजगारी की समस्या दूर हो सकती है. गरीब सवणरें का 10 प्रतिशत आरक्षण से उत्थान होने वाला नहीं है. केंद्र ने नोटबंदी और जीएसटी को जल्दबाजी में लागू किया, जिससे देश में गरीबी, बेरोजगारी और बढ़ी है.
झलकियां
रैली में कई बुजुर्ग महिलाएं गठबंधन के गीत पर बसपा का झंडा लिए नाचती गाती दिखी.
रैली में शिक्षामित्रों के ग्रुप ने बैनर लहराकर गठबंधन को समर्थन दिया.
काफी संख्या में लोग एसपी क्राइम बीपी अशोक के साथ हाथ मिलाते या सेल्फी लेते हुए नजर आए.
मायावती के विरोध माने जाने वाले भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर के समर्थक भी रैली में पहुंचे.
सेल्फी लेने के लिए बेरकेडिंग पर चढ़ने की होड़ लग गई. भीड़ को संभालने में पुलिस के प्रयास भी नाकाम साबित हुए.
रैली के चलते मेरठ हापुड बाईपास पर लंबा जाम लग गया.