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LUCKNOW: बसपा अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को अपने बयान में कहा कि मीडिया की जबर्दस्त आलोचनाओं के बावजूद चुनाव आयोग अगर निष्पक्षता से काम नहीं कर रहा है तो यह देश के लोकतंत्र के लिए चिंता की बात है। इस गिरावट के लिए असली जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि, बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं हैं जो एक नहीं बल्कि चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के अनेकों गंभीर आरोपों से घिरे हुए हैं और वे मामले आयोग के समक्ष लंबे समय से फैसले के लिए लंबित पड़े हैं।
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चुनाव नहीं बल्कि 'धर्मयुद्ध' लड़ रही
इसके अलावा भोपाल से बीजेपी प्रत्याशी व मालेगांव आतंकी ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का बार-बार यह दावा है कि वे चुनाव नहीं बल्कि 'धर्मयुद्ध' लड़ रही हैं। इस पर भी चुनाव आयोग की चुप्पी उनका व ऐसे अन्य नेताओं का मनोबल बढ़ा रही है। वैसे इस मामले में वास्तविकता यह है कि यही बीजेपी व आरएसएस का असली चेहरा है जो लगातार इस चुनाव में भी बेनकाब हो रहा है। लेकिन चुनाव आयोग केवल नोटिसें ही क्यों जारी कर रहा है तथा साध्वी प्रज्ञा का चुनाव के नाम पर 'धर्मयुद्ध' लडऩे की इजाजत क्यों दे रहा है। उन्होंने चुनाव आयोग से इस प्रकरण को गंभीरता से लेने की मांग की है।