- टिकट कटने से नाराज हरदोई सांसद अंशुल वर्मा ने दिया इस्तीफा
- दो घंटे के अंदर अखिलेश के सामने सपा की सदस्यता ली
- कई अन्य सीटों पर भी टिकट कटने को लेकर शुरू हुआ विरोध
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LUCKNOW: टिकट कटने से नाराज हरदोई के भाजपा सांसद अंशुल वर्मा ने बुधवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय आकर अपना इस्तीफा सौंप दिया। हैरत की बात यह है कि भाजपा सांसद ने अपना इस्तीफा पार्टी के किसी पदाधिकारी को देने के बजाय वहां मौजूद सिक्योरिटी गार्ड को थमाया और अपने समर्थकों के साथ वापस चले गये। दो घंटे के भीतर अंशुल वर्मा सपा प्रदेश मुख्यालय में नजर आए जहां उन्होंने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में सपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। ध्यान रहे कि भाजपा ने हरदोई से जयप्रकाश रावत को टिकट दिया है।
अंशुल ही रहूंगा
सपा मुख्यालय में सदस्यता लेने के बाद अंशुल वर्मा ने 'मैं भी चौकीदार' पर तंज कसते हुए कहा कि मैं अंशुल वर्मा हूं और वही रहूंगा, खुद को चौकीदार नहीं कहूंगा। बोले कि मैंने क्षेत्र में सबसे ज्यादा विकास कराया, सदन में भी 94 फीसद उपस्थिति है। मैंने कुछ दिन पहले हरदोई के एक मंदिर में कार्यक्रम के दौरान पार्टी पदाधिकारी द्वारा शराब बांटने की शिकायत भी शीर्ष नेतृत्व से की थी जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिन छह सांसदों का टिकट काटा गया वे सब दलित हैं। क्या यही सबसे ज्यादा नकारा थे। कहा कि वे भाजपा की नीति और नीयत से क्षुब्ध थे। वे बिना शर्त सपा में शामिल हुए है। उनकी आस्था अखिलेश यादव के नेतृत्व में हमेशा रहेगी। वहीं अखिलेश ने उनको सपा में शामिल होने पर बधाई दी और उम्मीद जताई कि उनके आने से पार्टी को मजबूती मिलेगी। इस अवसर पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के महासचिव मोहम्मद फहद एवं जाकिर खान ने भी सपा की सदस्यता ग्रहण की।
कई अन्य जगहों पर भी विरोध
केवल हरदोई ही नहीं, कई अन्य जगहों पर भी भाजपा सांसदों के टिकट कटने का विरोध तेज होता जा रहा है। कानपुर में सत्यदेव पचौरी को प्रत्याशी बनाने का विरोध शुरू हो गया है तो बलिया में सांसद भरत सिंह के समर्थक पार्टी प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह मस्त का विरोध कर रहे है। फतेहपुर सीकरी में बाबूलाल का टिकट कटने का विरोध उनके समर्थक कर रहे हैं।
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