कानपुर। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में उत्तर प्रदेश की अाठ सीटों पर मतदान सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगा। उत्तर प्रदेश की जिन आठ सीटों पर चुनाव होना है उनमें नगीना, अमरोहा, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, आगरा और फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट शामिल हैं। वैसे तो बीजेपी कांग्रेस और महागठबंधन ने सभी आठ सीटों पर काफी सोच-समझ के प्रत्याशियों को उतारा है लेकिन इसमें मथुरा और फतेहपुर सीकरी सीट पर काफी नामी चेहरे उतारे हैं। मथुरा लोकसभा सीट पर बीजेपी ने एक बार फिर हेमा मालिनी धर्मेंद्र देओल तो फतेहपुर सीकरी से कांग्रेस ने राज बब्बर को टिकट दिया है।
मथुरा
उत्तर प्रदेश की पश्चिमी सीमा यमुना किनारे बसे मथुरा संसदीय क्षेत्र की पहचान भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली से है। इसके पूर्व में हाथरस, दक्षिण पूर्व में आगरा, उत्तर में अलीगढ़ और दक्षिण-पश्चिम में राजस्थान का जिला भरतपुर हैं। राजनीति में कांग्रेस, भाजपा और रालोद यहां से चुनाव जीतती रही हैं। बाहरी प्रत्याशी भी चुनाव जीत कर संसद तक पहुंचते रहे हैं। इनमें राजा महेंद्र प्रताप सिंह, हरियाणा के मनीराम बागड़ी, एटा के साक्षी महराज, जयंत चौधरी और मुंबई की हेमामालिनी भी चुनाव जीती हैं। इस सीट ने पूर्व प्रधानमंत्री अलट विहारी वाजपेयी, राजा बच्चू सिंह, नटवर सिंह और राजा विश्ववेंद्र सिंह को चुनाव में हार का भी मजा चखाया। वर्तमान में फिल्म सिटी की ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी सांसद हैं। वहीं मथुरा लोकसभा सीट पर बीजेपी ने एक बार फिर अभिनेत्री हेमा मालिनी धर्मेंद्र देओल पर भरोसा जताया है। सांसद हेमा मालिनी बीजेपी की ओर से दूसरी बार चुनावी मैदान में उतरी हैं। वहीं उनके सामने यहां पर कांग्रेेस की ओर महेश पाठक तैयार हैं। चर्चा है कि कांग्रेस ने दूसरी बार महेश पाठक पर दांव खेला है। इसके पहले वह 2004 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर हार चुके हैं। वहीं इन बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशियों का मुकाबला करने के लिए महागठबंधन प्रत्याशी नरेंद्र सिंह मैदान में उतर चुके है।
फतेहपुर सीकरी
मुगल बादशाह अकबर के किले फतेहपुर सीकरी स्मारक और शेख सलीम चिश्ती की दरगाह के लिए प्रसिद्ध यह संसदीय क्षेत्र वर्ष 2009 में अस्तित्व में आया। पहली बार यहां से बसपा की प्रत्याशी और पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय सांसद बनीं। उन्होंने सपा प्रत्याशी राजबब्बर को हराया। वर्ष 2014 में सीमा उपाध्याय को हराकर भाजपा के चौधरी बाबूलाल सांसद बने। इस चुनाव में दिग्गज नेता अमर सिंह रालोद के प्रत्याशी थे, लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई थी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का पैतृक गांव बटेश्वर और 108 शिवालयों की श्रंखला वाला बटेश्वर यहां की बाह विधानसभा में है। वहीं फतेहपुर सीकरी की सीट भी मुकाबला काफी रोमांचक होगा। बीजेपी ने यहां पर राजकुमार चाहर को मैदान में उतारा है तो कांग्रेस ने भी अभिनेता राज बब्बर को टिकट दिया है। पहले कांग्रेस ने राज बब्बर को मुरादाबाद सीट से चुनाव लड़ाने का फैसला लिया था लेकिन बाद में सीट बदल दी थी। वहीं महागठबंधन ने श्रीभगवान शर्मा उर्फ गुड्डू पंडित (बसपा) को प्रत्याशी घोषित किया है ।
आगरा
मुगलकालीन राजधानी रहा आगरा ताजमहल के लिए दुनिया में विख्यात है। आजादी से लेकर आपातकाल तक यहां कांग्रेस का एकक्षत्र राज रहा। वर्ष 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के प्रत्याशी शंभूनाथ चतुर्वेदी ने कांग्रेस के नेता सेठ अचल सिंह को हराया। उसके बाद हुए मध्यावधि चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व सांसद सेठ अचल सिंह के पुत्र निहाल सिंह जैन ने कांग्रेस और परिवार की विरासत को फिर से हासिल कर लिया। वर्ष 1989 में भाजपा-जनतादल के संयुक्त प्रत्याशी अजय सिंह ने जीत दर्ज की उसके बाद से कांग्रेस का वर्चस्व समाप्त हो गया। क्रमश: दो-दो बार यहां से भाजपा के भगवान शंकर रावत और सपा प्रत्याशी और सिने अभिनेता राजबब्बर सांसद रहे। वर्ष 2009 से पूर्व हुए परिसीमन में आगरा संसदीय क्षेत्र को काटकर फतेहपुर सीकरी नाम से नया संसदीय क्षेत्र बना दिया गया। आगरा संसदीय क्षेत्र (सुरक्षित) से रामशंकर कठेरिया दो बार से लगातार सांसद हैं।यमुना के किनारे बसी ये लोकसभा आलू, बाजरा के लिए प्रसिद्ध है।पेठा, जूता, लैदर गुड्स उद्योग, हैंडीक्राफ्ट प्रमुख कारोबार हैं। आगरा लोकसभा सीट पर बीजेपी के सत्यपाल सिंह बघेल का मुकाबला कांग्रेस की प्रीता हरित से होगा। वहीं महागठबंधन ने मनोज कुमार सोनी (बसपा) को मजबूत दावेदार के रूप में उतारा है।