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LUCKNOW : एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म व यूपी इलेक्शन वॉच का दावा है कि इस बार पिछले चुनाव के मुकाबले ज्यादा दागी और करोड़पति चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं। एडीआर और यूपी इलेक्शन वॉच ने प्रदेश की 79 लोकसभा सीटों के विजयी सांसदों के एफिडेविट का एनालिसिस करने के बाद यह खुलासा किया है। उनके मुताबिक 44 (56 फीसदी) सांसदों द्वारा अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये गये है वही 2014 के आम चुनाव में 80 सांसदों में से 28 (35 फीसदी) सांसदों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये थे।
गंभीर आपराधिक मामलों में भी बढ़ोतरी
एनालिसिस में सामने आया कि गंभीर आपराधिक मामलों मे भी इस बार के आम चुनावों में बढोत्तरी हुई है। कुल 79 सांसदों में से 37 (47 फीसदी) ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किये हैं। जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में 80 सांसदों में से 22 (28 फीसदी) ने ही गंभीर आपराधिक मामले घोषित किये थे। आपराधिक मामलों में पहले नंबर पर रामपुर से सपा सांसद मोहम्मद आजम खान हैं। दूसरे नंबर पर घोसी से बसपा सांसद अतुल कुमार सिंह हैं जो अभी फरार चल रहे हैं। वही तीसरे नंबर पर स्वामी सच्चिदानंद हरी साक्षी है जो बीजेपी की सीट पर उन्नाव से चुनाव जीते हैं।
98 फीसदी करोड़पति
वहीं दूसरी ओर प्रदेश के 79 सांसदों में से 77 (98 फीसदी) सांसद करोड़पति हैं जिसकी तुलना में 2014 में 80 सांसदों में 68 (85 फीसदी) ही सांसद करोड़पति थे। सबसे अधिक संपत्ति के मामले में पहले स्थान पर मथुरा से भाजपा सांसद हेमा मालिनी हैं। दूसरे नंबर पर बिजनौर से बसपा सांसदमलूक नागर हैं। तीसरे नंबर पर बीजेपी के अनुराग शर्मा हैं जो झांसी संसदीय क्षेत्र से चुने गये हैं। वहीं इस बार के लोकसभा चुनाव में सांसदों की औसतन सम्पत्ति 18.5 करोड़ मिली है।
ये भी जानें सांसदों के बारे में
- 16 (20 फीसदी) सांसद 8वीं से 12वीं तक शिक्षित
- 61 (77 फीसदी) सांसद ने ग्रेजुएट तक की है पढ़ाई
- 1 सांसद ने खुद को केवल साक्षर घोषित किया है
- 27 (34 फीसदी) सांसद की उम्र 25 से 50 वर्ष के बीच
- 51 (65 फीसदी) सांसदों की उम्र 51 से 80 वर्ष की बीच
- 01 सांसद ने अपनी उम्र 80 वर्ष से अधिक घोषित की है
- 10 (13 फीसदी) महिला और 69 (87 फीसदी) पुरुष जीते