कानपुर। 17वीं लोकसभा चुनाव के छठे चरण में यूपी की 14 लोकसभा सीटों में सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संत कबीर नगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर व भदोही सीटे शामिल हैं। यहां मतदान सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगा। वैसे तो हर सीट पर मुकाबला काफी रोमांचक है लेकिन इनमें इलाहाबाद, आजमगढ़, सुल्तानपुर सीट पर मुकाबला काफी रोमांचक है। इनमें रीता बाहुगुणा जोशी, मेनका गांधी, अखिलेश यादव जैसे दिग्गज शामिल हैं। झारखंड में गिरिडीह, धनबाद, जमशेदपुर, सिंहभूम सीटों पर मुकाबला होना है। झारखंड में धनबाद सीट और मध्यप्रदेश में भोपाल सीट पर मुकाबला रोमाचंक है।
सुल्तानपुर - लोकसभा क्षेत्र
सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र है। गांधी परिवार के वरुण गांधी इसी संसदीय क्षेत्र के सांसद हैं। गोमती नदी के तट पर बसा सुल्तानपुर इसी राज्य का एक प्रमुख क्षेत्र है। सुल्तानपुर जिले की स्थानीय बोलचाल की भाषा अवधी और सम्पर्क भाषा खड़ी बोली है। कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, कमला नेहरू भौतिक एवं सामाजिक विज्ञान संस्थान, राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थान, सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय यहां के प्रमुख कॉलेज हैं। परीजात व्रिक्ष, धोपाप मंदिर, लोहरामाउ देवी मंदिर, सीताकुंड सुल्तानपुर के प्रमुख दार्शनीय स्थल हैं। दिल्ली से इस क्षेत्र की दूरी 707.8 किलोमीटर है और लखनऊ से दूरी 165.7 किलोमीटर है। यहां इस बार भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी चुनाव मैदान में है। पिछली बार इस सीट से मेनका के बेटे वरुण गांधी ने जीत दर्ज की थी। मेनका के खिलाफ गठबंधन की ओर से चन्द्रभान सिंह यादव मैदान में है तो कांग्रेस ने संजय सिंह को उतारा है।
इलाहाबाद - लोकसभा क्षेत्र
प्रयागराज प्रदेश का सर्वाधिक आबादी वाला जिला है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जिले की कुल जनसंख्या 59,54,390 है। जिले में जनसंख्या घनत्व 1,086 निवासी प्रति वर्ग किलोमीटर है। 2001-2011 के दशक में यहां जनसंख्या वृद्धि दर 20.6 प्रतिशत रही। लिंगानुपात 1000: 901 है। साक्षरता दर 72.3 प्रतिशत है। जिले में कुल12 विधानसभा सीटें हैं। यह फूलपुर और इलाहाबाद के अलावा भदोही संसदीय सीट का हिस्सा हैं। इलाहाबाद संसदीय सीट ने देश को बड़ी राजनीतिक शख्सियतें दी हैं। देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, वीपी सिंह, मुरली मनोहर जोशी, जनेश्वर जैसे राजनीतिक दिग्गज यहां से चुनाव जीते हैं। हेमवती नंदन बहुगुणा जैसे दिग्गज को हराकर अमिताभ बच्चन भी यहां के सांसद रह चुके हैं। पहले सांसद श्रीप्रकाश स्वतंत्रता सेनानी थे और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे। उनके बाद लाल बहादुर शास्त्री 1957 में यहां से सांसद चुने गए। 1973 में भारतीय क्रांति दल के जनेश्वर मिश्रा को जनता ने चुना। 1984 में अमिताभ बच्चन कांग्रेस की टिकट पर सांसद बने। 1988 के उपचुनाव में वीपी सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीते। 1998, 2004 और 2009 में मुरली मनोहर जोशी ने चुनाव जीता। 2004 में समाजवादी पार्टी के रेवती रमण सिंह यहां से सांसद रहे। 2014 में यह सीट भाजपा के खाते में गईं। वर्तमान में श्यामाचरण गुप्ता ही यहां से सांसद हैं। उन्होंने सपा के रेवती रमण सिंह को शिकस्त दी थी। मुरली मनोहर जोशी तीन बार इस संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। दो बार लाल बहादुर शास्त्री और दो बार कुंवर रेवतीरमण सिंह भी विजयी रहे हैं। वर्ष 1988 में हुए उपचुनाव में विश्वनाथ प्रताप सिंह ने कांग्रेस के सुनील शास्त्री को हराया था। बसपा संस्थापक कांशीराम तीसरे स्थान पर रहे थे। इलाहाबाद लोकसभा सीट से बीजेपी ने योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी को उम्मीदवार बनाया है। वहीं एसपी ने पिछड़ा कार्ड खेलते हुए राजेन्द्र पटेल को चुनाव मैदान में उतारा तो चुके कांग्रेस ने योगेश को उतारा है।
आजमगढ़ - लोकसभा क्षेत्र
आज़मगढ उत्तर प्रदेश का लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। तमसा नदी के तट पर स्थित आजमगढ़ उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यह उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित है। आजमगढ़ गंगा और घाघरा नदी के मध्य बसा हुआ है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह स्थान काफी महत्वपूर्ण है। यह जिला मऊ, गोरखपुर, गाजीपुर, जौनपुर, सुल्तानपुर और अम्बेडकर जिले की सीमा से लगा हुआ है। पर्यटन के लिहाज से महाराजगंज, मुबारकपुर, मेहनगर, भवरनाथ मंदिर और अवन्तिकापुरी आदि विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। शाहजहां के शासन काल के एक शक्तिशाली जमींदार आजम खां ने 1665 ई. में आजमगढ़ की स्थापना की थी। इसी कारण इस जगह को आजमगढ़ के नाम से जाना जाता है। चीनी की मिलें और कपड़ों की बुनाई यहां के प्रमुख उद्योग हैं। दिल्ली से आज़मगढ़ की दूरी 819.9 किलोमीटर है। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव इस बार आजमगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) ने अखिलेश के मुकाबले के लिए भोजपुरी कलाकार दिनेश लाल निरहुआ को चुनाव मैदान में उतारा है तो कांग्रेस ने यहां से अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है।
भोपाल - लोकसभा क्षेत्र
भोपाल मध्य प्रदेश के महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। मध्य प्रदेश की राजधानी होने के कारण यह शहर बेहद खास है। इस क्षेत्र को झीलों की नगरी भी कहा जाता है। 1984 में हुआ भोपाल गैस कांड यहां का सबसे दुभाग्य पूर्ण घटनाक्रम है। गैस रिसाव से लगभग बीस हजार लोग मारे गये थे। भोपाल की स्थापना परमार राजा भोज ने की थी। इस क्षेत्र का पुराना नाम भोजपाल था। यहां पर अफगान सिपाही दोस्त मोहम्मद का शासन रहा, इसलिये इसे नवाबी शहर भी कहा जाता है। आज भी यहां मुगल संस्कृति देखी जा सकती है। यहां पर भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड का कारखाना है। भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, समेत एनआईटी, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय,अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय आदि प्रमुख शैक्षिक संस्थान हैं। भाेपाल में इस बार कांग्रेस ने जहां दिग्विजय सिंह को उतारा है तो वहीं भाजपा ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को टिकट दिया है।
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धनबाद- लोकसभा क्षेत्र
धनबाद संसदीय क्षेत्र झारखंड के महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। यह क्षेत्र कोयले की खानों के लिये मशहूर है। बाराकर नदी के तट पर बसा यह क्षेत्र प्राकृतिक रूप से बेहद सुंदर है। इस नदी पर बना मैथन बांध पर्यटकों की सबसे पसंदीदा जगह है। यहां हिंदू देवी मां कल्याणश्वरी का मंदिर भी है जहां बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने आते हैं। यहां की तोपचांची झील एक दिलचस्प पर्यटन स्थल है। जंगलों और पारसनाथ की पहाड़ियों से घिरी यह झील अलौकिक वातावरण बनाती है। यहां पर दामोदर नदी में स्थित पंचेत बांध लोगों के लिए पर्यटन का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। धनबाद संसदीय क्षेत्र से सांसद पशुपतिनाथ सिंह तीसरी बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। अब उनके सामने महागठबंधन के प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस के टिकट पर कीर्ति अाजाद चुनाव मैदान में हैं। कीर्ति भी इस चुनाव के पूर्व तक भाजपाई रहे हैं। वे बिहार से तीन बार सांसद अाैर दिल्ली से एक बार विधायक रह चुके हैं।