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LUCKNOW : लोकसभा चुनाव के छठवें चरण के मतदान में समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर ईवीएम की खराबी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। साथ ही बूथ कैप्चरिंग, सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से मतदान को भाजपा के पक्ष में प्रभावित करने और सपा कार्यकर्ताओं के साथ उत्पीडऩ की शिकायत मुख्य निर्वाचन अधिकारी से की। हालांकि चुनाव आयोग ने इन शिकायतों को खारिज कर दिया। वहीं दूसरी ओर सुल्तानपुर और प्रतापगढ़ सीट पर मतदान कराने में प्रशासन को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ा और कई नेताओं को नजरबंद करने के बाद ही शांतिपूर्वक मतदान संपन्न कराया जा सका।

चुनाव आयोग को सौंपा ज्ञापन

सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी, एमएलसी अरविंद कुमार सिंह ने रविवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मिलकर ज्ञापन सौंपा जिसमें कहा गया कि छठे चरण के मतदान में भी अव्यवस्था, अवरोध और सत्तारूढ़ दल के पक्ष में सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा मतदान कराने की सूचनाएं मिल रही हैं। ईवीएम मशीनों में बड़ी संख्या में गड़बड़ी की शिकायतें भी है। पुलिस प्रशासन की शह पर सपा-बसपा कार्यकर्ताओं का उत्पीडऩ हो रहा है। उन्होंने आजमगढ़ में कुछ पोलिंग बूथ पर बूथ कैप्चरिंग तथा मतदाताओं को भयभीत करके मतदान से रोकने की साजिशें करने का आरोप भी लगाया हालांकि चुनाव आयोग ने किसी भी तरह की बूथ कैप्चरिंग की घटना से इंकार किया है। साथ ही जिन स्थानों पर ईवीएम में खराबी आई थी, उसे दुरुस्त कर मतदान सुचारू होने की बात कही।

राजा भैया को किया नजरबंद

वहीं दूसरी ओर प्रतापगढ़ में शांतिपूर्वक मतदान कराने के लिए जनसत्ता दल के रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी समेत 12 लोगों को प्रशासन ने नजरबंद कर लिया। दोनों नेताओं ने इसका विरोध भी किया है। इसके अलावा सुल्तानपुर सीट पर केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और गठबंधन प्रत्याशी सोनू सिंह के बीच झड़प ने भी प्रशासन के होश उड़ा दिए। मेनका गांधी का आरोप था कि सोनू सिंह और उनके समर्थक वोटर्स को धमका रहे है। हालांकि बाद में दोनों नेताओं के बीच बातचीत होने और खासी तादाद में पुलिस बल के पहुंचने के बाद उनके समर्थक पीछे हट गये।