- 03 गुना ज्यादा मुकदमे लोकसभा के ज्यादा विधानसभा चुनाव में
- वेस्ट में मेरठ अव्वल, ईस्ट में गोरखपुर में होते हैं सबसे ज्यादा केस
- वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव में लखनऊ जोन में सबसे ज्यादा केसेज
- बीते विधानसभा चुनाव में आठ लोगों पर गुंडा एक्ट जबकि 11 पर गैंगस्टर की कार्रवाई
- लोकसभा चुनाव में केवल 4 लोगों पर गुंडा एक्ट
- दोनों चुनावों में किसी पर भी रासुका नहीं लगी
-लोकसभा चुनाव में 599 लोगों को पाबंद किया गया
-विधानसभा चुनाव में पांबद लोगों की संख्या 1414
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LUCKNOW: चुनाव जीतने के लिए नेता और उनके समर्थक नियम-कानून की परवाह नहीं करते हैं। नतीजतन मतदान का दिन आने तक तमाम मुकदमें भी दर्ज होते हैं। बाद में इन मुकदमों में क्या कार्यवाही हुई, आमतौर पर जनता को इसका पता भी नहीं लग पाता। वहीं आरोपी नेता और उनके समर्थक भी इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते हैं, लेकिन अब चुनाव आयोग ने इस मामले में सख्त रुख बरतना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि बीते चुनावों में दर्ज किए गये मुकदमों की विवेचना भी पुलिस तेजी से निपटा रही है। आपको यह जानकर हैरत होगी कि पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों और उनके समर्थकों ने ज्यादा बवाल किया था। लोकसभा चुनाव के मुकाबले विधानसभा चुनाव में तीन गुना से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए गये थे।
वेस्ट में मेरठ जोन सबसे आगे
बीते दो चुनाव के दौरान वेस्ट यूपी का मेरठ जोन चुनाव के दौरान होने वाले मुकदमों में अव्वल है। इससे साफ है कि इस इलाके में शांतिपूर्वक चुनाव करा पाना किसी चुनौती से कम नहीं है। वही ईस्ट यूपी में गोरखपुर जोन का भी यही हाल है। आश्चर्य की बात यह है कि वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में सेंट्रल यूपी में आने वाले लखनऊ जोन ने तमाम पुराने रिकार्ड तोड़ दिए। चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा केसेज लखनऊ जोन में दर्ज किए गये थे। सरकार और ब्यूरोक्रेसी की नाक के नीचे चुनाव के दौरान इतने मुकदमे दर्ज होना कई सवाल खड़े करता है हालांकि इसकी वजह चुनाव आयोग की सख्ती भी मानी जा सकती है।
आयोग की सख्ती पर होती है कार्रवाई
इनमें से अधिकतर केस नेताओं पर दर्ज होने की वजह से इनकी जांच में हीलाहवाली कोई नई बात नही है। यही वजह है कि जब नया चुनाव आता है तो चुनाव आयोग के सक्रिय होते ही ऐसे केसेज में लिए गये एक्शन का ब्योरा भी आयोग द्वारा तलब कर लिया जाता है। इसकी एक वजह यह भी है कि जिन मामलों में आरोपी नेताओं को सजा हो जाती है, उनके चुनाव लडऩे पर प्रतिबंध लग जाता है। कुछ ऐसा ही हाल इस बार भी है और आयोग ने पुराने केसेज का एक हफ्ते के भीतर निपटारा कर रिपोर्ट देने को कहा है। डीजीपी मुख्यालय के अधिकारी अब इसे लेकर युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं।
गुंडा एक्ट और गैंगस्टर भी
ऐसे तमाम मामलों में आरोपितों के खिलाफ गुंडा एक्ट और गैंगस्टर की कार्रवाई भी की जाती है। बीते विधानसभा चुनाव में आठ लोगों पर गुंडा एक्ट जबकि 11 पर गैंगस्टर की कार्रवाई की गयी। वहीं लोकसभा चुनाव में केवल चार लोगों पर गुंडा एक्ट लगाया गया था। दोनों चुनावों में किसी पर भी रासुका नहीं लगाया गया था। लोकसभा चुनाव में 599 लोगों को पाबंद किया गया था तो विधानसभा चुनाव में यह संख्या 1414 रही।
एक्शन की रफ्तार धीमी
चुनाव के दौरान दर्ज होने वाले मुकदमों में पुलिस द्वारा एक्शन लिए जाने की रफ्तार धीमी रहती है। आंकड़ें बताते हैं कि विधानसभा चुनाव में दर्ज 2546 अपराधियों पर कुल 1270 मुकदमे दर्ज किए गये। इनमें से 1026 आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई होना बाकी है। इसी तरह लोकसभा चुनाव- 2014 में 415 मुकदमे दर्ज हुए जिनमें 1152 लोगों को आरोपी बनाया गया। इनमें से 549 के खिलाफ कार्रवाई होने का इंतजार है।
बीते चुनाव में दर्ज केसेज
जोन | लोकसभा चुनाव | विधानसभा चुनाव |
आगरा | 20 | 91 |
बरेली | 33 | 134 |
कानपुर | 41 | 93 |
लखनऊ | 58 | 409 |
मेरठ | 77 | 210 |
वाराणसी | 30 | 92 |
प्रयागराज | 83 | 101 |
गोरखपुर | 73 | 140 |
कुल | 415 | 1270 |
बीते चुनावों के दौरान दर्ज मुकदमों में विवेचना पूरी कर ली गयी है। करीब 20 फीसद केसेज में अदालत द्वारा अभियुक्तों को सजा भी सुनाई जा चुकी है। बाकी मामलों का अभी ट्रायल चल रहा है। डीजीपी मुख्यालय पर डिस्ट्रिक्ट लेवल मॉनीटरिंग सेल बनाई गयी है जो रोजाना इसकी प्रगति के बारे में जानकारी लेती रहती है।
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