जाइडस कैडिला कर रही तीन डोज वाले वैक्सीन के मंजूरी की तैयारी, जाईकोव-डी COVID वैक्सीन के इमर्जेंसी यूज को 8 दिनों में आवेदन
नई दिल्ली (एएनआई)। जाइडस कैडिला की जाईकोव-डी देश की दूसरी स्वदेशी वैक्सीन होगी। कोरोना वायरस के खिलाफ यह वैक्सीन दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन होगी। एक सरकारी सूत्र ने कहा कि जाइडस कैडिला ने सरकार से कहा है कि वह अगले सात से आठ दिनों में अपनी वैक्सीन जाईकोव-डी के इमर्जेंसी यूज की मंजूरी के लिए आवेदन करेगी।तीसरे चरण के ट्रायल के लिए 28 हजार से ज्यादा पंजीकरणजाईकोव-डी एक डीएनए कोविड वैक्सीन है। इसमें वायरस के उस जेनेटिक कोड का इस्तेमाल किया गया है जो शरीर के इम्युन सिस्टम को सतर्क करने का काम करता है। नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डाॅ. वीके पाॅल ने कहा कि जाइडस कैडिला ने तीसरे चरण के ट्रायल तथा अध्ययन के लिए 28,000 से ज्यादा वालेंटियर्स का पंजीकरण किया है।वैक्सीन बनाने को लेकर भारतीयों को गर्व
डाॅ. पाॅल ने कहा कि वे लोग उम्मीद कर रहे हैं कि वे निकट भविष्य में आवेदन करेंगे। उनके ज्यादातर अध्ययन पूरे हो चुके हैं। उन्होंने तीसरे चरण के ट्रायल तथा अध्ययन के लिए 28,000 से ज्यादा वालेंटिर्स का पंजीकरण किया है। उम्मीद है कि वे अध्ययन से संबंधित परिणाम जल्दी ही जमा करवा देंगे। हमें इस वैक्सीन से बहुत उम्मीद है क्योंकि यह दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन है। हमें उनके काम पर गर्व है।भारत तीन कोविड वैक्सीनों को दे चुका है मंजूरीइस वैक्सीन का विकास केेंद्र सरकार बायोटेक्नोलाॅजी डिपार्टमेंट के बायोटेक्नोलाॅजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस कौंसिल की एक शाखा नेशनल बायोफार्मा मिशन के तहत किया गया है। भारत ने अब तक तीन कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी दी है। इसमें भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड तथा रूस की स्पुतनिक-वी शामिल हैं।तीन डोज वाली कोविड वैक्सीन होगी जाईकोव-डीकोविशील्ड का विकास एस्ट्राजेनेका तथा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने किया था। जाईकोव-डी कोरोना वायरस के खिलाफ देश की दूसरी स्वदेशी वैक्सीन होगी। इससे पहले भारत बायोटेक की कोवैक्सीन अपने देश में विकसित की गई है। जाईकोव-डी तीन डोज वाली वैक्सीन होगी। पहली वैक्सीन लगने के बाद दूसरी 28 दिनों तथा तीसरी डोज 56 दिनों पर बाद लगाई जाएगी। कंपनी ने कहा कि वे वैक्सीन के दो डोज पर भी काम कर रहे हैं।