Theatre doyenne Zohra Sehgal turns 100 Friday and Amitabh Bachchan has wished her good health. Big B says he knows her since he was a child and admires her child like enthusiasm even at this age.


इंडियन सिनेमा की शुरुआत से एक वर्ष पूर्व पैदा हुई सिनेमा की जानी-मानी कलाकार जोहरा सहगल आज 100 बरस की हो गई. मजे की बात यह है कि भारतीय सिनेमा की लाडली कहलाने वाली जोहरा के जीवन की यादें भी उतनी ही रंगीन हैं, जितना की भारतीय सिनेमा. फिल्म उद्योग के अनुभवी लोगों का भी यही कहना है कि जोहरा का जीवन, ज्ञान और आकर्षण के प्रति उत्साह लगातार नई पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा, इसका कोई मुकाबला नहीं है.
फिल्म निदेशक आर. बाल्की ने बताया, "मैं अभी तक जितनी भी महिलाओं से मिला हूं उनमें से वह बहुत असाधारण महिला हैं और अब तक मुझे मिली सबसे बढ़िया अभिनेत्रियों में से वह एक हैं." जोहरा ने बाल्की की 2007 में आई फिल्म 'चीनी कम' में अमिताभ की 'बिंदास' मां का किरदार निभाया था.वर्ष 2008 में संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनपीएफ)-लाडली मीडिया अवार्डस ने उन्हें 'सदी की लाडली' के रूप में नामित किया था.अपनी जबरदस्त एक्टिंग के लिए पहचानी जाने वाली जोहरा फिलहाल दिल्ली में अपनी बेटी और मशहूर ओडिशी नर्तकी किरण सहगल के साथ रहती हैं. 1994 में उन्हें कैंसर होने का पता चला, लेकिन उन्होंने इस जानलेवा बीमारी का बहादूरी से सामना किया.


जोहरा के परिवार के एक सदस्य ने बताया कि वह अपना 100 वां जन्मदिन शुक्रवार को दिल्ली स्थित अपने निवास पर बेटी और कुछ कला बिरादरी के करीबी दोस्तों के साथ मनांएगी.युवा अवस्था में जोहरा नृत्य को लेकर खासी उत्साही थी. सिनेमा के साथ भी उनका रिश्ता 1935 में नृत्य के कारण उदय शंकर के सम्पर्क में आने के बाद जुड़ा और उन्होंने उनके साथ कई वर्षो तक काम किया.बाद में वह अलमोरा में नृत्य की अध्यापक बनकर चली गई, जहां उनकी मुलाकात पेंटर और नर्तक कमलेश्वर सहगल से हुई. दोनों ने शादी कर ली.मजेदार बात यह कि जोहरा पृथ्वीराज कपूर से लेकर रणबीर कपूर तक, बॉलीवुड के मशहूर कपूर परिवार की चार पीढ़ियों के साथ काम कर चुकी हैं. उनकी उम्र आज भी उनके उत्साह पर हावी नहीं हो पाई है.जोहरा को विशेष रूप से 'भाजी ऑन द बीच' (1992), 'हम दिल दे चुके सनम' (1999), 'बेंड इट लाइक बेकहम' (2002), 'दिल से..'(1998) और 'चीनी कम' (2007) जैसी फिल्मों में अपने अभिनय के लिए जाना जाता है.इसके अलावा वह पहली ऐसी भारतीय हैं, जिसने सबसे पहले अंतर्राष्ट्रीय मंच का अनुभव किया. उन्होंने 1960 के दशक के मध्य में रूडयार्ड किपलिंग की 'द रेस्कयू ऑफ प्लूफ्लेस' में काम किया.

इतना ही नहीं 1990 के दशक में लंदन से भारत लौटने से पहले जोहरा ने 'द ज्वेल इन द क्राउन', 'माय ब्यूटीफुल लाउंडेरेटे', 'तंदूरी नाइट्स' और 'नेवर से डाइ' जैसे टेलीविजन कार्यक्रमों में भी काम किया.पुरस्कारों के मामले में भी अभिनेत्री किसी से पीछे नहीं हैं. उन्हें 1998 में पद्मश्री, 2001 में कालीदास सम्मान, 2004 में संगीत नाटक अकादमी और 2010 में पद्म विभूषण से नवाजा गया.

Posted By: Garima Shukla