10 साल पहले भारत ने आज ही जीता था वर्ल्डकप, युवी ने यादें की ताजा
नई दिल्ली (एएनआई)। भारत के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी और 2011 विश्व कप के प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट युवराज सिंह ने भारत के विश्वकप जीत के 10 साल पूरे होने पर पुरानी यादों को ताजा किया। इस विश्व कप में, युवराज ने 362 रन बनाए थे और 15 विकेट भी अपने नाम किए थे। टूर्नामेंट के बाद, युवराज को कैंसर का पता चला था मगर वर्ल्डकप के दौरान तबियत खराब होने के बावजूद युवी ने भारत को मैच जिताए थे।
युवी ने 10 साल पूरे होने पर शेयर किया वीडियो
युवराज ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर किए गए एक वीडियो में कहा, '10 साल हो गए जब हमने आखिरी विश्व कप जीता था। समय इतनी जल्दी निकल गया है। पूरी टीम विशेष रूप से सचिन के लिए यह विश्व कप जीतना चाहती थी क्योंकि हम जानते थे कि यह उनका आखिरी वर्ल्डकप था। भारत में जो पहले कभी नहीं किया गया था। यह वास्तव में हमारे लिए विशेष था, मैं इसे शब्दों में नहीं लिख सकता क्योंकि उन भावनाओं को व्यक्त नहीं किया जा सकता है। विशेष रूप से एमएस धोनी और गौतम गंभीर ने फाइनल में शानदार पारी खेली। पूरे टूर्नामेंट में गंभीर, वीरेंद्र सहवाग ने सचिन के साथ कुछ बेहतरीन ओपनिंग पार्टनरशिप की।'
April 2, 2011 - a day when history was created! We wanted to win the WC for India & for the master @sachin_rt who carried the nation&यs expectations over decades!
Indebted to be able to represent India & bring glory to our nation 🙏🏻 🇮🇳 #AlwaysBleedBlue #WC2011 @ICC @BCCI pic.twitter.com/kCR7pTL6Bx
मैच से जुड़ी यादों को किया ताजा
युवी ने आगे कहा, 'विश्व कप जीतना किसी भी क्रिकेटर के लिए यादगार पल है, खासकर जब आप कम उम्र में सोचते हैं कि आप भारत के लिए खेलना चाहते हैं और फिर विश्व कप जीतते हैं, इससे बड़ा नहीं हो सकता। आज इसके 10 साल पूरे हो गए। जाहिर है, मैं सचिन, वीरू, भज्जी और अपने सभी साथियों के साथ यह वीडियो करना चाहता था, लेकिन दुर्भाग्य से सचिन, यूसुफ और इरफान हर कोई कोरोना पाॅजिटिव हो गया। मैं उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। यह हमारे लिए एक महान जीत थी और मुझे नहीं लगता कि मेरे क्रिकेटिंग करियर में कुछ भी बदल सकता है। उम्मीद है, आप सभी को वह महान दिन याद होगा और मैं सराहना करता हूं कि हम एक साथ अपने देश के लिए क्या हासिल करते हैं।'
मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में भारत ने श्रीलंका को छह विकेट से हराया। गौतम गंभीर और कप्तान एमएस धोनी की क्रमश: 97 और 91 * रनों की शानदार पारी के आधार पर भारत ने 274 रनों के लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा किया। तेंदुलकर, जिन्हें 'क्रिकेट के भगवान' के रूप में जाना जाता है। उन्होंने इस ट्रॉफी को उठाने के लिए 22 साल इंतजार किया था। 2 अप्रैल, 2011, उनका सपना आखिरकार अपने घरेलू मैदान पर साकार हुआ। भारत ने 1983 में कपिल देव के नेतृत्व में अपना पहला विश्व कप जीता था और वे 2011 के बाद इस ट्राॅफी को जीत पाए।