यहां पुलिस वाले लाठी नहीं भोंपू पकड़कर ढूंढते हैं अपराधियों को
रिक्शा लेकर निकल पड़ते हैं
खबरों की मानें तो मेरठ पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए अब लाउडस्पीकर का सहारा ले रही है। इसको 'भोंपू अभियान' नाम दिया गया है। जिसमें कि पुलिस की कई टीमें बनाई गई हैं और प्रत्येक टीम ई-रिक्शा या ऑटो रिक्शा पर बैठकर लाउडस्पीकर से अपराधियों या हिस्ट्री शीटर के नाम बुलाती है। ये 'भोंपू अभियान' गली-गली चलाया जा रहा है। इसका मकसद अपराधियों की गतिविधियों पर नजर रखना है और उनके बारे में जानकारी इकठ्ठा करना है। रविवार को मेरठ के लगभग 30 पुलिस स्टेशन के 150 पुलिस टीम ने इस अभियान में हिस्सा लिया।
2700 अपराधियों की है लिस्ट
मेरठ के एसएसपी जे रविंद्र गौड़ ने बताया कि, मेरठ में रह रहे कई अपराधी बाहर के हैं। ऐसे में पुलिस ने 2700 क्रिमिनल्स की एक लिस्ट तैयार की है। जोकि चोरी, डकैती और प्रॉपर्टी की हेराफेरी के दोषी हैं। इनमें से कुछ लोगों अभी भी जेल में बंद हैं तो बाकी बेल पर रिहा हो गए। ऐसे में जेल से छूटने के बाद ये अपराधी आम लोगों के बीच रहकर अपराध करने की साजिश रचते हैं। इस भोंपू अभियान के जरिए पुलिस लोगों को इन अपराधियों की पहचान कराती है ताकि आम पब्लिक सचेत हो जाए।