कलम से उठते हैं विवाद, किताबों पर मिलते हैं पुरस्कार
ये किताबें चर्चा में रहींब्रिटिश भारतीय उपन्यासकार और निबंधकार रुश्दी को लेकर कहा जाता है इन्होंने बेहद खामोशी से यंग इंडियन राइटर्स को एक अलग राह दिखाई है। यह काफी प्रभावशाली लेखक रहे। इनकी सबसे पहले पहली किताब विज्ञान कथा पर आधारित ग्राइमस 1975 में प्रकाशित हुई थी। उसके बाद 1981 में इनकी मिडनाइट चिल्ड्रेन बुक पब्लिश हुई। 1983 में इन्होंने पाकिस्तान की राजनीतिक अशांति पर केंद्रित आधारित किताब शेम लिखी। इस क्रम में उनकी द 1987 में आई जगुआर स्माइल, 1988 में प्रकाशित हुई द सैटेनिक वर्सेज बुक काफी चर्चा में रही। लेखनी लगातार जारी रही
इनमें कई किताबों को लेकर काफी विवाद भी हुए लेकिन रुश्दी का किताब लिखने का सिलसिला जारी रहा। उनकी कलम विवादों में घिरे होने के बाद भी नहीं रुकी। इनकी किताब मिडनाइट चिल्ड्रेन को जहां पाठकों और आलोचकों ने हाथों-हाथ लिया था। उस बुक को बुकर प्राइज और बेस्ट ऑफ बुकर्स का पुरस्कार भी दिया गया। यह किताब काफी चर्चा में रही है, लेकिन उनकी पुस्तक सैटेनिक वर्सेज को लेकर काफी विवाद हुए थे। इस किताब पर फतवा भी जारी हआ लेकिन सलमान रुश्दी पर इनका कोई खास असर नहीं पड़ा। वह हमेशा एक से महौल में रहे। बतादें कि उनकी लिखी किताबों पर फिल्में भी बनी है।
सलमान रुश्दी ने एक दो नहीं बल्कि पूरी चार शादियां की, लेकिन चारों से इनका तलाक हो गया। पहली पत्नी क्लोरिस्सा लुआर्द (1976-87), दूसरी पत्नी मारिया विंगिस (1988-93), और तीसरी पत्नी एलिजाबेथ बेस्ट (1997-2004) तक साथ रहीं। उन्हें दो बच्चे भी हो चुके थे। इसके बाद पद्मलक्ष्मी से उम्र का एक लंबा अंतराल होने के बाद भी शादी रचाई। हालांकि आज यह विवाह भी तलाक की भेंट चढ़ चुका है। पद्मलक्ष्मी ने अपनी आत्मकथात्मक किताब ‘लव लॉस एंड व्हाट वी एट’ में रुश्दी के व्यक्तित्व के कई चौकानें वाले रहस्यों का खुलासा किया है।पाकिस्तान के हिंदू युवक ने किया कमाल
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