ये हैं दुनिया की सबसे मजबूत 10 सेनाएं
इस क्रम में पहला नाम अमेरिका का है। अमेरिका अपनी सैन्य शक्ति पर बाकी देशों की तुलना में दस गुना ज्यादा करीब612 बिलियन डॉलर खर्च करता है। उसके पास अत्याधुनिक हथियारों के साथ-साथ 2,130 क्रूज मिसाइल, 450 बैलिस्टिक मिसाइल और 19 विमान वाहक हैं, जो हवा से हवा में वार करने में सक्षम हैं। अपने अत्याधुनिक हथियारों और मजबूत जहाजी बेड़े के कारण यह विश्व की सबसे शक्तिशाली नौसेना है। अमेरिका के पास दुनिया की सबसे ज्यादा प्रशिक्षित विशिष्ट सैनिकों की बड़ी फौज है, जो किसी भी देश पर पूरी ताकत से हमला करे, तो कुछ ही समय में नेस्तनाबूत कर दे।
रूस
दूसरे नंबर पर अरधुनिक रूस की सेना है। सोवियत संघ के विघटन के तकरीबन दो दशकों बाद इस देश्ा ने फिर से अपनी सेना को मजबूत कर लिया है। उसने अपने सैन्य बजट में 44 फीसदी से भी ज्यादा की बढ़ोतरी की है। इस समय रूस के पास 7 लाख 66 हजार सक्रिय सैनिक, 24 लाख 85 हजार प्रशिक्षित सैनिक रिजर्व और 15,500 से ज्यादा टैकों की दुनिया की सबसे बड़ी टैंक सेना है।
चीन
हालाकि लोगोंको चीनी सेना के बारे में काफी कम जानकारी है पर फिर भी उसका इस लिस्ट में नंबर तीसरा है। चीन का सैन्य बजट मौजूदा समय में करीब126 बिलियन डॉलर है। इस समय चीन के पास 22 लाख 85 हजार की सक्रिय सेना और 23 लाख सैनिक रिजर्व में हैं। हाल ही में उसने अपनी सेना में एफ-35 फाइटर प्लेन शामिल किए हैं।
सबसे बड़ी बात ये है कि भारतीय सेना इस क्रम में प्ीछे नहीं है। भारत इस लिस्ट में चौथे स्थान पर है। बावजूद इसके कि भारत अपने बजट का काफी छोटा हिस्सा महज 46 बिलियन डॉलर ही अपनी सेना पर खर्च करता है, उसकी सैन्य क्षमता को कम करके आंकना सही नहीं है। देश ने अपना अधिकतर बजट आधुनिक तकनीकी को हासिल करने में खर्च किया है। भारत के पास इस समय बैलिस्टिक मिसाइलों का बड़ा जखीरा है, जो पड़ोसी दुश्मन देशों पाकिस्तान और चीन के किसी भी शहर को निशाना बनाने में सक्षम है।
इंग्लैंड
बाकी देशों के विपरीत किसी समय में दुनिया की सबसे मजबूत सेना रखने वाला देश इंग्लैंड अब अपनी सैन्य शक्ति में लगातार कमी कर रहा है। उसकी योजना 2018 तक अपने सैन्य बजट को 20 फीसदी तक कम करने की है। वर्तमान समय में उसका सैन्य बजट 54 बिलियन का है। वो दुनिया भर में लड़ाईयों की संभावित जगहों को देखते हुए 40 एफ-35 फाइटर प्लेनों का नया बेड़ा बनाने जा रहा है। साथ ही 4.5एकड़ की लंबाई वाले एयरक्राफ्ट करियर को भी 2020 तक रॉयल नेवी में शामिल करने की योजना है।
फ्रांस भी पिछले कुछ समय से सैन्य बजट में कमी कर रहा है। 2013 में उसने सैन्य क्षेत्र की नौकरियों में 13 फीसदी की कमी की है। फ्रांस अपनी सेना पर कुल जीडीपी का 1.9 प्रतिशत ही खर्च करती है। फ्रांस का सैन्य खर्च नाटो में शामिल बाकी देशों के मुकाबले सबसे कम कुल 43 बिलियन डॉलर है। इसके बावजूद फ्रांसीसी सेना दुनिया की सबसे व्यस्त सेनाओं में से एक है। फ्रांसीसी सैनिक मौजूदा समय में मध्य अफ्रीका देश, चाड, माली, सेनेगल जैसे अन्य संकटग्रस्त इलाकों में तैनात हैं।
जर्मनी
जर्मनी अपने सैनिकों के ऊपर सुविधाओं और वेतन के मामले में दुनिया में सबसे ज्यादा खर्च करता है। जंग के खिलाफ जर्मनी के पास महज 1 लाख 83 हजार सक्रिय और 1 लाख 45 हजार रिजर्व सैनिक हैं। टेक्नोलॉजी और सैन्य शक्ति के मॉर्डनाईजेशन के लिए जर्मनी हर साल अपनी सेना पर 45 बिलियन डॉलर खर्च करता है।
तुर्की अपनी अर्थव्यवस्था के हिसाब से दुनिया में सबसे ज्यादा खर्च सेना के पर करता है। तुर्की का सेना पर खर्च का कुल बजट 18.2 बिलियन डॉलर है।
दक्षिण कोरिया की सेना संख्या में कम है लेकिन काफी प्रोफेशनल तरीके से ट्रेंड और आधुनिक तकनीक से लैस है। दक्षिण कोरिया के पास दुनिया में छठा सबसे बड़ा वायुसेना का बेड़ा है। इसके अलावा दक्षिण कोरिया के पास 2,346 टैंकों और 1,393 एयरक्राफ्ट हैं।
इंग्लैंड और फ्रांस के विपरीत जापान पिछले 11 सालों से अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ा रहा है। उसने अपने बाहरी जलक्षेत्र में मिलिटरी बेस बनाया है। जापान अपनी सेना के लिए हर साल 49.1 बिलियन डॉलर खर्च करता है। उसके पास 2 लाख 47 हजार की सक्रिय सेना और 57,900 की रिजर्व सेना है। साथ ही 1,595 एयरक्राफ्ट के साथ जापानी सेना दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी वायुसेना है। उसकी नौसेना में 131 आधुनिक पोत शामिल हैं। Interesting News inextlive from Interesting News Desk