कुछ लोग कहते हैं कि आजकल की डिजिटल जिदंगी में सबसे मुश्किल काम है पासवर्ड याद रखना। क्‍या आपको भी ऐसा ही लगता है? इंटरनेट बैंकिंग अकाउंट से लेकर से लेकर ऑनलाइन सोशल मीडिया अकाउंट्स के अलग अलग पासवर्ड बनाने और उन्‍हें सुरक्षित तरीके से सेव करने या याद करने में कई बार दिमाग पंचर हो जाता है। और अगर आप कोई इंपॉर्टेंट पासवर्ड आप भूल गए तो उसे रिकवर कराने या अकाउंट को फिर से लॉगइन करने के लिए आपकी एसी में बैठकर भी पसीना आ सकता है। पर क्‍या किया जाए अकाउंट सेक्‍योरिटी के लिए यह जरूरी भी बहुत है। तो चलिए वो जानते हैं जो आपको लाइफ में पासवर्ड की झंझट से आजादी दिलाएगा।

पासवर्ड के बिना डिजिटल लाइफ और स्मार्टफोन एक्सेस करना अब तक था नामुमकिन

आप चाहे अपने स्मार्टफोन का लॉक खोलना चाहें या लैपटॉप पर अपना इंटरनेट बैंकिंग अकाउंट लॉगइन करना चाहें या फिर ऑनलाइन कोई पेमेंट करना चाहें। आपको हर जगह कोई न कोई पासवर्ड या पिन डालना ही पड़ेगा। कुछ साल पहले तक तो लोग घर परिवार के नामों या उनके मोबाइल नंबरों को पासवर्ड बना लेते थे, जिन्हें याद रखना भी आसान था, लेकिन जब से ऐसे पासवर्ड के प्रोटेक्शन टूटना शुरु हुए हैं, तब से कंपनियों ने कैपिटल लेटर, सिंबल और नंबरों के जटिल कॉम्बीनेशन वाले पासवर्ड मांगने शुरु कर दिए हैं। अब ऐसे पासवर्ड्स को शायद वही लोग याद रख सकते हैं, जो रोज मेमोरी पॉवर बढ़ाने वाले कैप्सूल खाते हों। खैर जल्दी ही डिजिटल वर्ल्ड में पासवर्ड रखने की जरूरत लगभग खत्म हो जाएगी। Digitalsecurityworld.com के मुताबिक पासवर्ड लेस डिजिटल लाइफ बनाने में दो नई तकनीकें अपना कमाल दिखाने वाली हैं।

 

1- Token सिस्टम से बिना पासवर्ड सुरक्षित रूप से एक्सेस कर सकेंगे अपना अकाउंट

अकाउंट लागइन के मामले में भविष्य की यह नई तकनीक पासवर्ड के बिना ही आपको अपने कई तरह के अकाउंट लागइन करने की सुविधा देगी। कई सालों के प्रयास के बाद अब यह बात यह हो पाई है कि इंटरनेट यूजर्स को अपने अकाउंट में लॉगइन के लिए आईडी पासवर्ड नहीं बल्कि यूएसबी टोकन जैसा सबसे सेफ लॉगइन ऑप्शन दिया जाए। बता दें कि दुनिया की दो बड़ी टेक कंपनियां गूगल और फेसबुक इंटर्नल लेवल पर पहले भी इस तकनीक का इस्तेमाल कर चुकी हैं। इसके अंतर्गत अकाउंट लॉगइन के लिए Yubikey token का इस्तेमाल किया जाता है। वर्ल्ड के दो प्रमुख ब्राउजर क्रोम और फायरफॉक्स जल्दी ही पासवर्ड फ्री लॉगइन सिस्टम लेकर आ रहे हैं, जिसमें एक सेफ टोकन प्रोसेस से लॉगइन किया जा सकेगा। इस तरीके से ऑनलाइन यूजर्स को फिशिंग फ्रॉड और फर्जी ईमेल से भी छुटकारा मिलने की उम्मीद है।

2- पासवर्ड की जगह होगा बायोमेट्रिक का इस्तेमाल

यह प्रकिया बहुत तेजी से पूरी दुनिया में फैल रही है। इसके अंतर्गत स्मार्टफोन या दूसरी डिजिटल डिवायसेस पर यूजर की उंगलियों के इंप्रेशन या रेटीना स्कैनर से एक्सेस मिलेगा और हर बार पासवर्ड नहीं डालना होगा। दुनिया की कई बड़ी कंपनियां ऑनलाइन एक्सेस के लिए बायोमेट्रिक का इस्तेमाल शुरु कर चुकी हैं। यूं तो बायोमेट्रिक यानि थंब इंप्रेशन से अब स्मार्टफोन को अनलॉक करने का ऑप्शन शुरु हो चुका है। जल्दी ही रेटीना स्कैनिंग की सुविधा भी स्मार्टफोन पर मिलने की उम्मीद है। ऐसे में बिना पासवर्ड के हम आप कई तरह के ऑनलाइन अकाउंट बायोमेट्रिक पंच द्वारा यानि बिना पासवर्ड के एक्सेस कर पाएंगे।

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Posted By: Chandramohan Mishra