World Laughter Day 2020 : जानें लाफ्टर डे का इतिहास, साल 2000 में मनाया गया था पहली बार
World Laughter Day 2020 : मई के पहले संडे को वर्ल्ड लाफ्टर डे मनाया जाता है जिसे इस साल 3 मई को सेलिब्रेट किया जा रहा है। हर साल कई समुदाय एक जगह पर एकठ्ठा हो कर इसे मनाते हैं पर इस बार कोरोना की वजह से इसे लोग ऑनलाइन ही सेलिब्रेट कर रहे हैं। हम सभी जानते हैं कि जब हम हंसते हैं हम अपने अंदर हल्का महसूस करते हैं, तनावमुक्त महसूस करते हैं। ये एक अच्छी एक्सर्साइज है जिसकी वजह से हम हर दिन स्वस्थ रह सकते हैं न सिर्फ शरीर से बल्कि मन से भी। चलिए जानते हैं वर्ल्ड लाफ्टर डे को मनाए जाने के पीछे का इतिहास।
इस दिन को मनाए जाने के पीछे का रहस्यवर्ल्ड लाफ्टर डे के बारे में वर्ल्डवाइड लाफ्टर योगा मूमेंट के फाउंडर डाॅक्टर मदन कटारिया के मन में साल 1998 में विचार आया था। उनका मानना था कि 'जब आप हंसते हो तो आप बदलते हो और जब आप बदलते हो तो पूरी दुनिया बदलती है।' जागरण जोश के मुताबिक दुनिया भर में 70 से भी ज्यादा देशों में इसे मनाया जाता है। बता दें कि डाॅक्टर मदन ने 1995 में लाफ्टर योगा मूमेंट को शुरु किया था। इसका मकसद था लोगों के चेहरे पर हंसने से आने वाले एक्सप्रेशन को लाना जो उनके अंदर की इमोशनल एक्टिविटीज को प्रभावित करता है। इसकी वजह से वैश्विक स्तर पर भाईचारा और दोस्ती की अच्छी शुरुआत का मैसेज जाता है। क्या आप जानते हैं कि सबसे पहली लाफ्टर गेदरिंग 'हैप्पी डेमिक' नाम से जानी गई। इसे डेनमार्क में साल 2000 में सेलिब्रेट किया गया था। इतिहास में इस दिन एक साथ सबसे से ज्यादा लोगों ने मिल कर हंसा था इसलिए इस सेलिब्रेशन का नाम गीनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड में भी दर्ज है।
दुनिया भर में लोग इस तरह से करते हैं सेलिब्रेटलोग आज सिर्फ हंसने व मुस्कुराने के लिए लाफ्टर क्लब, पब्लिक गेदरिंग में जाते हैं। आप देख सकते हैं कि काॅमेडी कल्चर की शुरुआत यहीं से हुई और कई फेमस काॅमेडियंस को इसकी वजह से मौका भी मिला। अब तो लोग काॅमेडियन बनने के लिए इंप्रोवाइजेशन क्लासेज भी लेते हैं। इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए लोग अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स में जोक्स शेयर करते हैं, दोस्तों के साथ कोई काॅमेडी मूवी देखते हैं।कुछ लोग तो एकठ्ठा होकर आसपास के पार्क में जाते हैं और लाफ्टर योगा करते हैं। हालांकि इस साल लाफ्टर डे को सेलिब्रेट करने के लिए ऐसा कुछ भी कर पाना संभव नहीं है। कोरोना के चलते लोग इसे आज के दिन अपने घर में ही सेलिब्रेट कर रहे हैं।