World Hypertension Day 2020: ऐसे हुई इस दिन की शुरुआत, हाइपरटेंशन क्या है जानना है जरूरी
कानपुर। World Hypertension Day 2020 : आज-कल की भाग दौड़ भरी जिंदगी और बदली हुई लाइफस्टाइल हमें कुछ और दे पा रही हो या नहीं, लेकिन यह लाइफस्टाइल हमें कई गंभीर बीमारियां जरूर दे रही हैं। इन्हीं में से एक बेहद खतरनाक बीमारी है हाइपरटेंशन। इससे भले ही हम अनजान हों, पर इसके दूसरे नाम हाईबीपी को सब जानते हैं। देश में तीन लाख से ज्यादा लोग हर साल इस कारण अपनी जान गंवा रहे हैं। हाईबीपी दुनिया भर में मृत्यु की एक बड़ी वजह है। जिसे रोकने के लिए और इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है। आइए जानते हैं क्या है हाइपरटेंशन और कैसे वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे की शुरूआत हुई। इस बार यह दिन कोरोनावायरस लॉकडाउन के बीच मनाया जाएगा जो एक बार फिर इसके महत्व को रेखांकित करने के लिए काफी है।
क्या है हाइपरटेंशन?
हाइपरटेंशन के बारे में समझने से पहले ब्लड प्रेशर के बारे में जानना जरूरी है। यह क्या है और हमें इसकी जरूरत क्यों पड़ती है? हमारे शरीर का मेकनिज़म यानि तंत्र कुछ ऐसा है कि टिशूज और ऑर्गेन को काम करने के लिए आक्सीजेनेटेड ब्लड की जरुरत पड़ती है। इस ब्लड को पहुंचाने का काम हमारा सर्क्युलेटरी सिस्टम करता है। हार्ट इस सिस्टम का एक हिस्सा है। हार्ट का धड़कना एक प्रेशर क्रिएट करता है जो ब्लड को हमारे ब्लड वेसेल्स जिसमें आर्टरिज, वेन्स और सेल्स शामिल हैं में पुश करता है। इसी प्रेशर को ब्लड प्रेशर कहते हैं और जब यही ब्लड प्रेशर जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है तो उसे हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन कहते हैं। एक नॉर्मल आदमी का ब्लड प्रेशर 120/80 होता है। इसमें पहला नंबर सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर बताता है, जिसका मतलब होता है कि हार्ट बीट होने पर ब्लड आर्टरी वॉल्स पर कितना प्रेशर लगा रहा है। दूसरा नंबर डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर बताता है,जिसका मतलब होता है कि दो बीट्स के बीच जब हार्ट रेस्ट करता है तब ब्लड आर्टरी वॉल्स पर कितना प्रेशर लगा रहा है। आमतौर पर पहला नंबर यानी सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर ज्यादा मायने रखता है क्योंकि यही हार्ट अटैक या स्ट्रोक के खतरे का बीट आइडिया देता है। आमतौर पर ब्लड प्रेशर 140/90 होने पर हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर माना जाता है। मोटापा, जेनेटिक, ज्यादा शराब पीना, किडनी रोग के कारण व्यक्ति को इसकी समस्या हो सकती है। लेकिन अगर खान-पान पर विशेष ध्यान रखा जाए तो इस समस्या से आसानी से निपटा जा सकता है।
वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे की कैसे हुई शुरूआतडब्लूएचओ ने दुनिया भर में हार्ट अटैक से होने वाली मृत्यु का जिम्मेदार हाई ब्लड प्रेशर को माना है। वर्ल्ड हाइपरटेंशन लीग जो 85 नेशनल सोसाइटिज और लीग्स का एक संघीय संगठन है के मुताबिक पूरी दुनिया के 50 परसेंट से ज्यादा हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों को यह पता ही नहीं है कि उन्हें हाई ब्लड प्रेशर है। इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए द वर्ल्ड हाइपरटेंशन लीग यानी कि डब्ल्यूएचएल ने 14 मई 2005 को पहला वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया था। इसके बाद 2006 से इसे हर साल 17 मई को मनाया जाने लगा है। इस दिन की शुरूआत करने का उद्देश्य था लोगों को हाइपरटेंशन से निजात दिलाना। उन्हें यह बताना कि टेंशन लेने से उन्हें किस हद तक परेशानी हो सकती है। वहीं आज के समय में जहां हार्ट के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है ऐसे में टेंशन से दूर रहकर अच्छी लाइफ जीने करने के लिए लोगों को जागरुक करने के लिए इस दिन की शुरुआत की गई।
क्या है वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाने का महत्वहाइपरटेंशन के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए ही हर साल 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है। इस खास दिन पर लोगों को हाइपरटेंशन के प्रति जागरुक किया जाता है। साथ ही उन्हें बताया जाता है कि इस खतरनाक बीमारी से कैसे बचाव किया जा सकता है। हाई ब्लड प्रेशर एक साइलेंट किलर बीमारी है, क्योंकि ज्यादातर लोगों में इसका कोई बाहरी लक्षण या संकेत नहीं दिखता है। नियमित सिरदर्द, सांस की तकलीफ, चक्कर आना, अंगों का फड़कना और प्रतिकूल स्थितियों में नाक बहना आदि कुछ ऐसे मामूली लक्षण हैं, जिन पर लोग ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। हाइपरटेंशन कई कारणों से होता है, जिनमें से कुछ कारण शारीरिक और कुछ मानसिक होते हैं। हाइपरटेंशन में ब्लड प्रेशर 140 के पार पहुंच जाता है। जानें वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाने का मुख्य उद्देश्य -उच्च रक्तचाप के लक्षणों के बारे में जागरूकता बढ़ाना।-रक्तचाप को मापने को प्रोत्साहित करना।
-उच्च रक्तचाप की प्रारंभिक रोकथाम के तरीकों को जानना।
-समाज में उच्च रक्तचाप की व्यापकता पर प्रकाश डालना।
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