रूस के करार को लेकर अमेरिका ने अपने संदेह का राज भारत से खोला है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यात्रा के एक दिन बाद अमेरिका ने भारत से कहा है कि यह रूस के साथ सामान्य कारोबार का सही वक्त बिल्‍कुल भी नहीं है. गौरतलब है कि पुतिन की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार को और भी ज्‍यादा गति देने के लिए तेल गैस और रक्षा सहयोग के 20 समझौतों पर दस्तखत किए गए हैं.

अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता ने दी जानकारी
जानकारी देते हुए अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता मैरी हर्फ ने बताया कि अमेरिका में भारत और रूस के बीच व्यापार से संबंधित खबरें देखी गईं हैं. हालांकि, इन समझौतों के बारे में अभी कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है, लेकिन अमेरिका नें दुनियाभर में अपने सहयोगियों को बता दिया है कि रूस से सामान्य कारोबार का यह सही वक्त बिल्कुल भी नहीं है. वहीं पिछले सप्ताह पुतिन की भारत यात्रा से पहले भी अमेरिका ने दोनों देशों के बीच समझौतों को लेकर अपनी गंभीर चिंता जताई थी.
वाशिंगटन हो रहा असहज
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ क्रीमियाई प्रमुख के भारत आने पर अमेरिका ने पूरी तरह से नाखुशी जताई है. दरअसल, पुतिन के साथ क्रीमिया गणराज्य के प्रमुख सर्गेई अक्सयोनोव भी निवेश की तलाश में भारत दौरे पर आए थे. उधर, अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता जेन साकी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमलोग इस खबर को लेकर असहज हैं कि पुतिन के साथ भारत गए प्रतिनिधिमंडल में सर्गेई अक्सयोनोव भी शामिल थे. भारत के प्रति नरम रवैया अपनाते हुए जेन ने कहा कि नई दिल्ली को इस बात की जानकारी बिल्कुल भी नहीं थी कि पुतिन के साथ क्रीमियाई प्रमुख भी आ रहे हैं.
यूक्रेन ने भी की भारत की आलोचना
बकौल जेन साकी भारत के विदेश मंत्रलय ने कहा है कि उन्हें आधिकारिक तौर पर अक्सयोनोव के आने की सूचना नहीं थी. उन्होंने भारत से इस मसले पर सफाई भी मांगी है. वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको ने भी इस मुद्दे पर भारत की कड़ी आलोचना की है. शुक्रवार को सिडनी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत मूल्यों के बजाय पैसों को महत्व दे रहा है.

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Posted By: Ruchi D Sharma