World AIDS Day 2021 : 1 दिसंबर को है विश्व एड्स दिवस, जानें इतिहास, महत्व और इस गंभीर बीमारी के लक्षणों के बारे में
कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। World AIDS Day 2021 : विश्व एड्स दिवस 1 दिसंबर को एचआईवी महामारी के बारे में जागरूकता फैलाने के संदर्भ में मनाया जाता है। इसके अलावा इस बीमारी की वजह से जान गवांने वाले लोगों को याद करने के लिए भी इस दिवस को मनाया जाता है। एड्स एक पुरानी बीमारी है जो एचआईवी (ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस) वायरस के कारण होती है। एड्स का फुल फॉर्म एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम है। एचआईवी के कारण शरीर का इम्यूनिटी सिस्टम काफी कमजोर हो जाता है और लोग संक्रमण और बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। अगर शुरुआती अवस्था में इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो यह एड्स के रूप में शरीर में विकसित हो जाता है।एड्स दिवस का इतिहास
विश्व एड्स दिवस का इतिहास वर्ष 1987 का है। इस दिन की कल्पना जेम्स डब्ल्यू बन और थॉमस नेटर ने की थी, ये लोग विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) में एड्स पर ग्लोबल कार्यक्रम के लिए सूचना अधिकारियों के रूप में जिनेवा, स्विट्जरलैंड में नियुक्त थे। जेम्स डब्ल्यू. बुन और थॉमस नेटर ने विश्व एड्स दिवस के लिए अपना प्रस्ताव एड्स पर वैश्विक कार्यक्रम के निदेशक जोनाथन मान के पास दिया जिन्हें यह विचार पसंद आया। इसके बाद उन्होंने 1 दिसंबर, 1988 को पहले विश्व एड्स दिवस की शुरुआत करने की सिफारिश की।एचआईवी/एड्स पर संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम, संक्षिप्त रूप से यूएनएड्स 1996 में अस्तित्व में आया और फिर विश्व एड्स दिवस का आयोजन किया गया। एड्स के लक्षणक्या आप जानते हैं एचआईवी शरीर में कहां पाया जाता है? यह शरीर के सभी टिश्यू में पाया जाता है लेकिन संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थ के माध्यम से रक्त, वीर्य, स्तन के दूध आदि के माध्यम से ट्रांसमिटेड होता है। यह मुख्य रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली में टी-सेल्स पर अटैककरता है। एचआईवी यौन संपर्क, रक्त संचरण, प्रसवकालीन संचरण के माध्यम से फैलता है। लक्षणों में बुखार, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, थकान, कमजोरी, बढ़ी हुई ग्रंथियां, लाल चकत्ते, रात के दौरान पसीना, अनजाने में वजन कम होना आदि शामिल हो सकते हैं। ऐसे में एड्स के लक्षण अगर किसी व्यक्ति को महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे ताकि समय रहते इस बीमारी का उपचार हो सके।