जेनेटिक कमियों का पता जन्म से पहले, ऐसे पहले बेबी का जन्म
मिसकैरिज का रिस्क होगा कमशोधकर्ताओं का कहना है कि नई तकनीक से पिछले महीने ही बच्चे का जन्म हो चुका है. इससे डीएनए सिक्वेंसिंग टेक्निक्स और ईन-विट्रो फर्टीलाइजेशन की सफलता दर में बढ़ोतरी होगी. सस्ती तकनीक होने के कारण यह ज्यादा दंपतियों के लिए अफोर्डेबल होगा. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के डॉ. डेगन वेल्स ने दिखाया कि कैसे नेक्स्ट जेनेरेशन सिक्वेंसिंग से आईवीएफ टेक्निक का इस्तेमाल करके प्रेग्नेंसी को सफल बनाया जा सकेगा. इसमें मिसकैरिज का रिस्क भी काफी कम होगा. इस तकनीक से भ्रूण विकसित होने से पहले ही क्रोमोजोम्स की सही संख्या पता की जा सकेगी.